तिरुचिरापल्ली, 25 सितंबर (भाषा) तमिल फिल्मों के प्रख्यात निर्देशक मोहन जी. को राज्य के पलानी स्थित भगवान मुरुगन मंदिर के प्रसिद्ध प्रसाद पंचामृतम के खिलाफ टिप्पणी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया और बाद में अदालत ने उन्हें जमानत दे दी।
पुलिस ने बताया कि एक शिकायत के आधार पर मोहन के खिलाफ शांति और सौहार्द्र बिगाड़ने सहित भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
पुलिस के अनुसार मोहन को गिरफ्तार कर 24 सितंबर को अदालत के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) संस्थापक एस. रामदास ने मोहन की गिरफ्तारी की निंदा की। उन्होंने कहा कि मोहन ने यूट्यूब चैनल को दिए साक्षात्कार के दौरान पंचामृतम को लेकर लगे कुछ आरोपों का संदर्भ दिया था और चाहते थे कि सरकार और अधिकारी इस संबंध में सतर्क रहें।
रामदास ने कहा कि मोहन की गिरफ्तारी ‘अन्यायपूर्ण’ थी।
पझाया वन्नारपेट्टई, द्रौपदी, रुद्र तांडवम और बहासुरन मोहन की कुछ चर्चित फिल्में हैं। उन्होंने तिरुपति लड्डू विवाद पर करोड़ों लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ की कड़ी निंदा की थी और जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा देने की मांग की थी।
भाषा धीरज अविनाश
अविनाश
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