Agnipath Scheme : नई दिल्ली। केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। इस मामले में अब उच्चतम न्यायालय भी सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है। आज सुप्रीम कोर्ट में अग्निपथ योजना को लेकर याचिका दाखिल की गई, जिसके बाद अगल हफ्ते इसकी सुनवाई की जाएगी।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां Click करें*<<
मिली जानकारी के अनुसार न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि गर्मी की छुट्टी के बाद शीर्ष अदालत के फिर से खुलने पर याचिकाओं को अगले सप्ताह उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा।
सरकार ने पिछले महीने 14 जून को ‘अग्निपथ’ योजना की घोषणा की थी। योजना के तहत साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष तक की उम्र के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए सशस्त्र बलों में शामिल किया जाएगा। इनमें से 25 प्रतिशत को बाद में नियमित सेवा में शामिल किया जाएगा। सरकार ने 16 जून को इस साल के लिए इस योजना के तहत भर्ती के वास्ते आयु सीमा को 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था।
14 जून को लांच की गई ‘अग्निपथ योजना’ का पूरे देश के कई राज्यों में बवाल मचा हुआ है। बिहार, हरियाणा राजस्थान समेत कई राज्यों में इस योजना का बहिष्कार किया गया। युवाओं की मांग है की सरकारिस योजना को तत्काल प्रभाव से वापस ले। इसके बाद सरकार ने इस योजना में कई बदलाव भी किये, लेकिन फिर भी युवाओं का आक्रोश खत्म नहीं हुआ। जिसके बाद आज इस योजना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
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केंद्र की अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिका को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा गया। बताया जा रहा है कि याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि अग्निपथ योजना में भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके बाद उनकी ओर से कहा गया कि कई छात्रों के भविष्य दांव पर हैं, विशेष रूप से वायु सेना के लिए तैयारी कर रहे युवाओं की। वकील ने कहा कि 2017 से 70 हजार से अधिक छात्रों को ट्रेनिंग दी गई। ट्रेनिंग के बाद छात्रों का आश्वासन दिया गया कि नियुक्ति पत्र राजी किया जाएगा लेकिन अब ये योजना लाई गई है।
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