Supreme Court on Electoral Bonds: 'राजनीतिक दलों को पैसे कहां से मिले ये वोटर को जानने का हक' सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स को लेकर कही बड़ी बात | Supreme Court Strikes Down Electoral Bonds Scheme As Unconstitutional

Supreme Court on Electoral Bonds: ‘राजनीतिक दलों को पैसे कहां से मिले ये वोटर को जानने का हक’ सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स को लेकर कही बड़ी बात

Supreme Court on Electoral Bonds: 'राजनीतिक दलों को पैसे कहां से मिले ये वोटर को जानने का हक' सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स को लेकर कही बड़ी बात

Edited By :   Modified Date:  February 15, 2024 / 11:16 AM IST, Published Date : February 15, 2024/11:16 am IST

नई दिल्ली: Supreme Court on Electoral Bonds: लोकसभा चुनाव से ऐन पहले सुप्रीम कोर्ट आज इलेक्टोरल बॉन्ड्स की वैधता पर सुनवाई कर रही है। कोर्ट में मामले में सुनवाई शुरू हो चुकी है। मामले में सुनवाई करते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा है कि नागरिकों को यह जानने का अधिकार है कि सरकार के पास पैसा कहां से आता है और कहां जाता है। लोकसभा चुनाव से ऐन पहले सुप्रीम कोर्ट का ऐसा फैसला राजनीतिक दलों के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है।

Read More: Sanjay Raut On Shinde: “चव्हाण और मिलिंग को प्रत्याशी बनाना शिंदे गुट की सबसे बड़ी हार”, जानें राउत ने क्यों कही ऐसी बात

Supreme Court on Electoral Bonds: मामले में सुनवाई करते हुए सीजेआई ने कहा कि क्या 19(1) के तहत सूचना के अधिकार में राजनीतिक फंडिंग के बारे में जानने का अधिकार शामिल है? सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि इस अदालत ने सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों के बारे में जानकारी के अधिकार को मान्यता दी और यह केवल राज्य के मामलों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सहभागी लोकतंत्र सिद्धांत को आगे बढ़ाने तक सीमित है। क्या आरटीआई के तहत राजनीतिक पार्टियों की फंडिंग भी आएगी? ये सवाल हमारे समक्ष था? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नागरिकों को यह जानने का अधिकार है कि सरकार के पास पैसा कहां से आता है और कहां जाता है। सीजेआई ने कहा कि हमारी राय है कि कम से कम इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण और चुनावी ट्रस्ट के अन्य माध्यमों से योगदान अन्य प्रतिबंधात्मक साधन हैं। इस प्रकार काले धन पर अंकुश लगाना चुनावी बांड का आधार नहीं है।

Read More: Congress-AAP Alliance: टूट के बीच इंडिया गठबंधन को राहत.. आम आदमी पार्टी जारी रखेगी कांग्रेस से अलायंस..

बता दें कि मोदी सरकार ने साल 2018 में चुनावी बॉन्ड को अधिसूचना जारी की थी। अधिसूचना के अनुसार भारत के किसी भी नागरिक या देश में स्थापित इकाई चुनावी बॉन्ड खरीद सकता है। जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 29ए के तहत पंजीकृत राजनीतिक दल चुनावी बॉण्ड स्वीकार करने के पात्र हैं। शर्त बस यही है कि उन्हें लोकसभा या विधानसभा के पिछले चुनाव में कम से कम एक प्रतिशत वोट मिले हों।

Read More: MP News: किसानों को मिली राहत, सीएम यादव ने दिए ओलावृष्टि से नुकसान हुए फसलों के तत्काल सर्वेक्षण के निर्देश

 

 

 

देश दुनिया की बड़ी खबरों के लिए यहां करें क्लिक

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp