नई दिल्ली। Kolkata Doctor Rape Murder Case : सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हम इस बात से बहुत चिंतित हैं कि कोलकाता बलात्कार पीड़िता का नाम, फोटो और वीडियो क्लिप हर जगह प्रकाशित किया गया।
कानून पीड़ितों के नाम प्रकाशित करने पर रोक लगाता है। क्या इस तरह से हम उस युवा डॉक्टर को सम्मान प्रदान कर सकते हैं जिसने अपनी जान गंवा दी?” सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेज के प्रिंसिपल से भी सवाल किया कि उन्होंने इसे आत्महत्या के रूप में पेश करने की कोशिश की और माता-पिता को शव देखने की अनुमति नहीं दी गई।
Supreme Court raises questions on the registration of the FIR and says it appears the crime was detected in the early hours of the morning and no FIR was filed.
Senior Advocate Kapil Sibal denies the fact and says that an unnatural death case was registered.
SC says until…
— ANI (@ANI) August 20, 2024
सीजेआई ने यह भी टिप्पणी की कि अस्पताल में गंभीर अपराध हुआ है और पूछा कि वे क्या कर रहे हैं? तोड़फोड़ करने वालों को अस्पताल में घुसने की अनुमति देना, सुप्रीम कोर्ट ने पूछा। सीजेआई ने कहा, “हम चाहते हैं कि सीबीआई एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे और जांच की स्थिति से अवगत कराए। हम एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन कर रहे हैं और चाहते हैं कि वे वरिष्ठ और जूनियर डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए देश भर में अपनाए जाने वाले तौर-तरीकों पर सिफारिशें दें।”
CJI also remarks that a serious offence has taken place in Hospital and asks what are they doing? Allowing vandalists to enter the hospital, SC asks.
CJI says “We want CBI to file a status report and apprise on the status of the investigation. We are setting up a national task…
— ANI (@ANI) August 20, 2024
CJI ने कहा कि अभिभावकों को बॉडी देने के 3 घंटे 30 मिनट के बाद एफआईआर दर्ज की गई? CJI ने पश्चिम बंगाल सरकार और हॉस्पिटल प्रशासन को फटकार लगाई? कहा, एफआइआर देर से क्यों दर्ज हुई? हॉस्पिटल प्रशासन आखिर क्या कर रहा था?
CJI ने कहा, हम डॉक्टरों से आग्रह करते हैं कि काम पर लौटें। हम डॉक्टरों से अपील करते हैं। हम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यहां हैं। हम इसे हाईकोर्ट के लिए नहीं छोडे़ंगे। ये बड़ा राष्ट्रहित का मामला है। CJI ने कहा कि जब हत्या हुई थी तो पीड़िता के माता-पिता वहां मौजूद नहीं थे। ये हॉस्पिटल प्रबंधन की जिम्मेदारी थी कि वो एफआईआर दर्ज कराए।
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