नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले में मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की बेंच ने सुनवाई करते हुए इस कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। साथ ही यह भी कहा है कि सुप्रीम कोर्ट सीएए के खिलाफ याचिकाओं पर जनवरी में सुनवाई करेगा।
Supreme Court issues notice to the Centre on a batch of pleas challenging the Citizenship (Amendment) Act, 2019. pic.twitter.com/c5zkXh30fQ
— ANI (@ANI) December 18, 2019
दरअसल नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर पूरे देश में विरोध जारी है। इसके बाद विरोध में देश के कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन लगातार जारी है। वहीं, कई शिक्षण संस्थानों के छात्रों ने भी केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। इस कानून पर रोक लागने को लेकर कई राजनीतिक दलों के नेताओं और संस्थाओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
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अभी तक नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 15 याचिकाएं दायर की गई हैं. सोमवार को कांग्रेस की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी कि इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई की जाए. सर्वोच्च अदालत में जो अभी तक याचिकाएं दायर की गई हैं, उनमें पीस पार्टी, रिहाई मंच, जयराम रमेश, प्रद्योत देब बर्मन, जन अधिकार पार्टी, एमएल शर्मा, AASU, असदुद्दीन ओवैसी, महुआ मोइत्रा की याचिकाएं शामिल हैं।
ज्ञात हो कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लगभग दो दर्जन से अधिक यचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी। इनमें पीस पार्टी, रिहाई मंच, जयराम रमेश, प्रद्योत देब बर्मन, जन अधिकार पार्टी, एमएल शर्मा,एएएसयू, असदुद्दीन ओवैसी, महुआ मोइत्रा की याचिकाएं शामिल हैं। वहीं, मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कानून को लागू करने पर रोक लगाने से इनकार करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
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