नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज एक फैसले पर सुनवाई करते हुए केंद्र और 10 राज्यों को नोटिस जारी किया है। भीड़ हिंसा को लेकर दिए 2018 के फैसले को लागू करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की। याचिका में फैसले को ठीक तरह से लागू करने की मांग की गई थी। जिसपर अदालत ने गृह मंत्रालय को नोटिस जारी किया है।
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याचिका में यह आरोप लगाया गया था कि राज्य सरकारों ने ऐसी भीड़ हिंसा को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जारी 10 सूत्रीय निर्देश का पालन नहीं किया है। न्यायालय ने पिछले साल भीड़ हिंसा रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। अदालत ने संसद से भीड़ हिंसा के खिलाफ नया और सख्त कानून बनाने को कहा था। अपने फैसले में अदालत ने कहा था कि कोई भी नागरिक कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता। लोकतंत्र में भीड़तंत्र की इजाजत नहीं दी जा सकती। राज्य सरकारों को जिम्मेदारी देते हुए न्यायालय ने कहा था कि सरकारों की जिम्मेदारी है कि वह कानून व्यवस्था बनाए रखें।
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सर्वोच्च न्यायालय ने 2018 में कहा था कि राज्यों को शांति बनाए रखने की जरूरत है। अदालत ने गोरक्षा के नाम पर हुई हत्याओं के सिलसिले में प्रिवेंटिव (निवारक), रेमिडियल (उपचारात्मक) और प्यूनिटिव (दंडनीय) दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा था कि संसद को इसके लिए कानून बनाना चाहिए। जिसमें भीड़ द्वारा हत्या के लिए सजा का प्रावधान हो। शीर्ष अदालत ने सरकार से कहा था कि भीड़ हिंसा को एक अलग अपराध की श्रेणी में रखा जाए।
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