Parliament Session 2024

Parliament Session 2024 : संविधान का इतना मजाक..! PM मोदी के भाषण के बीच कांग्रेस का वॉकआउट, सभापति ने कहा- ‘वे सदन नहीं अपनी मर्यादा छोड़कर गए हैं’

Parliament Session 2024 : संविधान का इतना मजाक..! पीएम मोदी के भाषण के बीच कांग्रेस का वॉकआउट, सभापति ने कहा- 'वे सदन नहीं मर्यादा छोड़कर गये हैं'

Edited By :   Modified Date:  July 3, 2024 / 01:46 PM IST, Published Date : July 3, 2024/1:46 pm IST

Parliament Session 2024 : नई दिल्ली। राज्यसभा में बुधवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण के बीच में ही कांग्रेस सहित विपक्ष सदन से वॉकआउट कर गया। प्रधानमंत्री जब चर्चा का जवाब दे रहे थे तो पहले विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सभापति जगदीप धनखड़ से कुछ कहने की अनुमति मांगी। आसन की ओर से यह अनुमति नहीं दिये जाने पर विपक्षी सदस्य नारेबाजी करने लगे। उनकी नारेबाजी के बीच भी जब प्रधानमंत्री ने अपना भाषण जारी रखा तब खरगे सहित कांग्रेस एवं विपक्ष के सदस्य सदन से वॉकआउट कर गये।

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Parliament Session 2024 : विपक्षी सदस्य जब उच्च सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर जा रहे थे तब प्रधानमंत्री ने कहा, देश देख रहा है कि झूठ फैलाने वालों की सत्य सुनने की ताकत भी नहीं होती। …जिनके हौसले नहीं हैं …उन्होंने जो सवाल उठाये उसके जवाब सुनने की हिम्मत नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष उच्च सदन को अपमानित कर रहा है। उन्होंने कहा, देश की जनता ने हर प्रकार से उन्हें इतना पराजित कर दिया है कि अब उनके पास गली-मोहल्ले में चीखने के सिवाय कुछ बचा नहीं है। नारेबाजी, हंगामा और भाग जाना… यही उनके नसीब में लिखा है।

विपक्ष के वॉकआउट को अत्यंत दर्दनाक और पीड़ादायक’’ करार देते हुए उच्च सदन के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्होंने यह अनुरोध किया था कि नेता प्रतिपक्ष को चर्चा के दौरान बिना रोक-टोक, बोलने का ‘सुअवसर’ दिया जाए। उन्होंने कहा, आज वे (विपक्ष) सदन को छोड़कर नहीं गये हैं, मर्यादा छोड़कर गये हैं। आज उन्होंने मुझे पीठ नहीं दिखाई है, भारतीय संविधान को पीठ दिखाई है। उन्होंने आज मेरा और आपका अनादर नहीं किया है बल्कि उस शपथ का अनादर किया है जो संविधान के तहत ली गयी है।

सभापति ने कहा कि भारत के संविधान के लिए इससे बड़ी अपमानित बात नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि यह उच्च सदन है और इसको देश का मार्गदर्शन करना होता है। धनखड़ ने कहा कि वह विपक्षी सदस्यों के इस आचरण की भर्त्सना करते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के इस व्यवहार से देश के 140 करोड़ लोग आहत होंगे। उन्होंने कहा कि सदन में कल देर रात तक चर्चा चली और विपक्ष ने जब अपनी बात पूरी कह ली हो तो उसे सत्ता पक्ष की बात सुननी चाहिए।

सभापति ने कहा, उन्होंने भारतीय संविधान को चुनौती दी है, उसकी भावना को आहत किया है। मैं इस कुर्सी पर बैठकर बहुत दुखी हूं कि संविधान का इतना मजाक, इतना अपमान… । भारत का संविधान हाथ में रखने की किताब नहीं है बल्कि जीने की किताब है। उन्होंने विपक्ष को सलाह दी कि वह आत्मचिंतन करें, अपने दिल को टटोलें तथा अपने कर्तव्यों का पालन करें।

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