प्रयागराज : Students wrote letters in blood इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि वापस लिए जाने की मांग कर रहे विद्यार्थियों ने सोमवार को प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, शिक्षा मंत्री, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को रक्त से पत्र लिखकर अपनी चिंता जाहिर की। विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष और फीस वृद्धि के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठे अखिलेश यादव ने बताया कि विद्यार्थियों ने रक्त से पत्र लिखकर अवगत कराया है कि 80 प्रतिशत विद्यार्थी गांव, गरीब मजदूर किसान तबके से आते हैं और इस बेतहाशा फीस वृद्धि से ऐसे विद्यार्थी शिक्षा के अधिकार से वंचित हो जाएंगे।
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Students wrote letters in blood उन्होंने बताया कि रक्त पत्र लिखने वाले विद्यार्थी मुबाशिर हारून, सुधीर, हरेंद्र यादव, जितेंद्र धनराज, राहुल पटेल, विजयकांत, सत्यम कुशवाहा, शिवबली, मो. असफाक, यशवंत, आयुष प्रियदर्शी, हरिओम त्रिपाठी, शशांक, अनुराग आदि हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि को लेकर आंदोलनरत विद्यार्थियों की विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ वार्ता कराने के लिए जिला प्रशासन ने मध्यस्थता पहल की है और चार अक्टूबर को विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ छात्रों की वार्ता कराने का आश्वासन दिया है।
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उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के स्नातक स्तर की शिक्षा की फीस प्रति छात्र 975 रुपये प्रतिवर्ष थी जिसे हाल ही में 300 प्रतिशत से अधिक बढ़ाकर 4,151 रुपये प्रति वर्ष कर दिया गया है। छात्र फीस वृद्धि के खिलाफ पिछले 27 दिन से आंदोलन कर रहे हैं।