कोटा में छात्रों की आत्महत्या के मामलों में पिछले साल की तुलना में 50 प्रतिशत की कमी: जिलाधिकारी |

कोटा में छात्रों की आत्महत्या के मामलों में पिछले साल की तुलना में 50 प्रतिशत की कमी: जिलाधिकारी

कोटा में छात्रों की आत्महत्या के मामलों में पिछले साल की तुलना में 50 प्रतिशत की कमी: जिलाधिकारी

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Modified Date: December 29, 2024 / 02:56 PM IST
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Published Date: December 29, 2024 2:56 pm IST

कोटा (राजस्थान), 29 दिसंबर (भाषा) आईआईटी-जेईई (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-संयुक्त प्रवेश परीक्षा) के लिए छात्रों को तैयार करने को लेकर मशहूर राजस्थान के कोचिंग केंद्र कोटा में 2023 की तुलना में इस साल छात्रों की आत्महत्या के मामलों में 50 प्रतिशत की कमी आई है।

कोटा जिलाधिकारी रवींद्र गोस्वामी ने एक संक्षिप्त साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘पिछले साल की तुलना में इस साल कोचिंग संस्थानों के छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं की दर में 50 प्रतिशत की कमी आई है। आत्महत्या के मामालों को रोकने के प्रयासों के परिणाम के संदर्भ में यह आंकड़ा महत्वपूर्ण है। हमें उम्मीद है कि यह कमी भविष्य में भी जारी रहेगी।’’

रिपोर्ट के अनुसार, कोटा में 2024 में कोचिंग छात्रों की आत्महत्या के 17 मामले सामने आए जबकि 2023 में ऐसे 26 मामले दर्ज किए गए थे।

गोस्वामी ने कहा कि आत्महत्या के मामलों में कमी का श्रेय कोचिंग संस्थानों और छात्रावासों के लिए दिशा-निर्देशों के जिला प्रशासन की निगरानी में सख्त अनुपालन को दिया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानदंडों के आधार पर छात्रावास वार्डन के लिए ‘गेट-कीपर’ प्रशिक्षण और ‘एसओएस हेल्प’ सेवाओं के कार्यान्वयन ने भी आत्महत्या के मामलों में कमी लाने में योगदान दिया है।

गोस्वामी ने कहा कि ‘डिनर विद कलेक्टर’ और ‘संवाद’ जैसे आयोजनों के माध्यम से कोचिंग संस्थानों के छात्रों के साथ नियमित संवादात्मक सत्रों तथा महिलाओं एवं परीक्षार्थी छात्राओं की सुरक्षा के लिए कालिका दस्ते की तैनाती ने यह बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

जिलाधिकारी ने कहा कि उन्होंने इस वर्ष ‘डिनर विद कलेक्टर’ और ‘संवाद’ जैसे आयोजनों के माध्यम से कोचिंग संस्थानों के 25,000 से अधिक छात्रों के साथ बातचीत की जिसमें उन्होंने उनकी चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया।

बहरहाल, उद्योग से जुड़े हितधारकों ने बताया है कि छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं के कारण हुए नकारात्मक प्रचार, कोचिंग केंद्रों को विनियमित करने वाले नए दिशानिर्देशों और अन्य शहरों में विभिन्न कोचिंग ब्रांड के विस्तार के कारण कोटा में कोचिंग केंद्रों और छात्रावासों का कारोबार धीमा हो गया है।

उन्होंने बताया कि कोटा में छात्रों की संख्या इस वर्ष घटकर 85,000 से एक लाख तक रह गई है, जो सामान्यतः दो-ढाई लाख होती थी। इससे वार्षिक राजस्व में कमी आई है जो 6,500-7,000 करोड़ रुपये से घटकर 3,500 करोड़ रुपये रह गया है।

गोस्वामी ने ‘कोटा केयर्स’ नामक कार्यक्रम शुरू किए जाने का भी उल्लेख किया, जो कोचिंग संस्थानों के छात्रों के कल्याण और उनकी सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

उन्होंने कहा कि बुधवार को संपन्न हुए तीन दिवसीय कोटा महोत्सव का उद्देश्य मनोरंजन प्रदान करते हुए कोटा को समृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाले पर्यटन शहर के रूप में प्रदर्शित करना था।

गोस्वामी ने इस बात पर जोर दिया कि ‘कोटा केयर्स’ कार्यक्रम इस बात पर प्रकाश डालता है कि शहर ने देश भर के एक करोड़ से अधिक छात्रों को कोचिंग देकर उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

भाषा सिम्मी रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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