ड्रैगन को कड़ा संदेश, अमेरिकी सैन्य विमान ने भारतीय एयरबेस में भरा ईंधन, चिढ़ गया चीन | Strong message to Dragon, US military aircraft fueled Indian airbase

ड्रैगन को कड़ा संदेश, अमेरिकी सैन्य विमान ने भारतीय एयरबेस में भरा ईंधन, चिढ़ गया चीन

ड्रैगन को कड़ा संदेश, अमेरिकी सैन्य विमान ने भारतीय एयरबेस में भरा ईंधन, चिढ़ गया चीन

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:24 PM IST
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Published Date: October 3, 2020 10:12 am IST

नई दिल्ली। भारत-चीन में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने ड्रैगन को साफ इशारा कर दिया है कि उसकी हर चाल का जवाब जरुर मिलेगा। अमेरिका के लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमान ने रणनीतिक रूप से स्थित अंडमान और निकोबार द्वीप से ईंधन भरना शुरू कर दिया है। 

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शुक्रवार को एक अमेरिकी पी-8 पोसिडॉन विमान 25 सितंबर को रसद और ईंधन भरने के लिए कुछ घंटों के लिए पोर्ट ब्लेयर में उतरा। यह अमेरिकी विमान दुश्मन की पनडुब्बियों और युद्धपोतों को निशाना बनाने के लिए रडार और मिसाइल से लैस है।  पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत के मौजूदा सैन्य टकराव के बीच, अमेरिका के लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमान ने रणनीतिक रूप से स्थित अंडमान और निकोबार द्वीप से ईंधन भरना शुरू कर दिया है। 

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भारत और अमेरिका साल 2016 में पारस्परिक सैन्य रसद संधि, लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट के तहत एक-दूसरे के युद्धपोतों को ईंधन भरने और परिचालन की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। लेकिन यह पहली बार है जब कोई अमेरिकी सैन्य विमान अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर उतरा है। 

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यह घटना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत और अमेरिका ने हिंद महासागर क्षेत्र में अंडमान के नजदीक अभ्यास में सहयोग किया है। यह क्षेत्र चीन के लिए आपूर्ति का एक महत्वपूर्ण समुद्री रास्ता है। यह सैन्य रसद संधि 2017 में चालू हो पाया, जब जापान के सागर में अमेरिकी नौसेना के टैंकर में एक भारतीय नौसेना के जहाज ने ईंधन भरा था। यह पहली बार है जब किसी अमेरिकी विमान ने ऐसा किया है।

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रिपोर्ट के मुताबिक एक रक्षा सूत्र ने बताया, “विमान एक हफ्ते पहले अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के हवाई पट्टी पर LEMOA के तहत ईंधन भरने के लिए उतरा था। विमान अपनी यात्रा को फिर से शुरू करने से पहले, कुछ घंटों के लिए बेस पर मौजूद था।” हालांकि यह ईंधन भरने की एक साधारण सी बात थी, लेकिन भारत के सामरिक एयरबेस से ईंधन भरने वाले एक अमेरिकी पनडुब्बी रोधी और निगरानी विमान का संदेश बड़ा है।  यह शुरुआत इसलिए भी अधिक महत्व रखती है क्योंकि यह ऐसे समय में हुआ है जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में तनावपूर्ण स्थिति है।

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शुक्रवार को एक अमेरिकी पी-8 पोसिडॉन विमान 25 सितंबर को रसद और ईंधन भरने के लिए कुछ घंटों के लिए पोर्ट ब्लेयर में उतरा। यह अमेरिकी विमान दुश्मन की पनडुब्बियों और युद्धपोतों को निशाना बनाने के लिए रडार और मिसाइल से लैस है। भारत और अमेरिका साल 2016 में पारस्परिक सैन्य रसद संधि, लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट के तहत एक-दूसरे के युद्धपोतों को ईंधन भरने और परिचालन की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। लेकिन यह पहली बार है जब कोई अमेरिकी सैन्य विमान अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह पर उतरा है। 

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यह घटना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत और अमेरिका ने हिंद महासागर क्षेत्र में अंडमान के नजदीक अभ्यास में सहयोग किया है। यह क्षेत्र चीन के लिए आपूर्ति का एक महत्वपूर्ण समुद्री रास्ता है। यह सैन्य रसद संधि 2017 में चालू हो पाया, जब जापान के सागर में अमेरिकी नौसेना के टैंकर में एक भारतीय नौसेना के जहाज ने ईंधन भरा था। यह पहली बार है जब किसी अमेरिकी विमान ने ऐसा किया है।