देहरादून: statement of ‘ripped jeans’ ‘फटी जींस’ को लेकर विवादों में रहने के एक साल बाद उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने फिर दोहराया कि उन्हें अपने बयान पर गर्व है और इसे लेकर उनका द्रष्टिकोण बदला नहीं है। पौड़ी जिले के श्रीनगर, गढ़वाल में रविवार को इस्कॉन के एक कार्यक्रम के इतर संवाददाताओ से बातचीत में रावत ने कहा, ‘‘ जींस का विरोध नहीं है। विरोध फटी जींस का है और यह बात आज भी मैं कहता हूं।’’
statement of ‘ripped jeans’ उन्होंने कहा कि अपने कॉलेज के दिनों में वह भी जींस पहनते थे, लेकिन जब घुटने पर या कहीं और वह फट जाती थी तो उस पर कपडा लगा लेते थे क्योंकि गुरुजी का डर, अनुशासन, संस्कार, संस्कृति थी। रावत ने कहा, ‘‘ लेकिन आज क्या है। आज तो यदि कहीं नहीं फटा है तो भी नौजवान घर आकर उस पर कैंची चला लेता है।’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आज भी मैं गर्व से कहता हूं कि पूरा बदन ढंकना हमारी संस्कृति में हैं और फटा कपड़ा पहनना तो हमारी संस्कृति में है ही नहीं।’’
उन्होंने कहा कि आज भी लोग समारोहों में जहां सही प्रकार के कपडे़ पहनकर जाना होता है, वहां फटी जींस पहनकर नहीं जाते। धोती-कुर्ता जैसे पारंपरिक भारतीय परिधान पहनने वाले इस्कॉन के यूरोपीय श्रद्धालुओं का जिक्र करते हुए गढ़वाल से लोकसभा सदस्य रावत ने कहा कि विदेशी लोग जहां भारतीय संस्कृति को अपना रहे हैं, वहीं पश्चिम की नकल में भारतीय उसे छोड़ते जा रहे हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल मार्च में प्रदेश का मुख्यमंत्री पद संभालने के तत्काल बाद फटी जींस की आलोचना कर रावत विवादों में आ गए थे। विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों ने उनकी इस टिप्पणी पर कड़ा विरोध जताया था। इस संबंध में उन्होंने कहा कि भले ही उनके बयान को लेकर काफी बवाल मचा हो लेकिन सोशल मीडिया पर उन्हें लाखों लोगों का समर्थन मिला था।