जम्मू, 24 जनवरी (भाषा) जम्मू-कश्मीर में सर्दियों के दौरान चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में निर्बाध रूप से चलने के लिए विशेष रूप से तैयार की गई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन बड़ी संख्या में यात्रियों के साथ जम्मू पहुंची।
ट्रेन में सवार सभी यात्री कश्मीर की मंत्रमुग्ध करने वाली यात्रा का अनुभव करने की इच्छा के साथ यहां पहुंचे।
जम्मू रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को एक अनोखी घोषणा हुई, जिसमें कहा गया था कि ‘यात्रिगण कृपा ध्यान दें, वंदे भारत ट्रेन संख्या 244027 कश्मीर जाने के लिए प्लेटफॉर्म नंबर एक पर खड़ी है’।
स्थानीय लोग और स्टेशन पर अन्य ट्रेनों का इंतजार कर रहे कई यात्री ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हुए खुशी से झूम उठे।
कटरा से कश्मीर तक चलने वाली विशेष वंदे भारत ट्रेन के आने के तुरंत बाद उनमें से कई यात्री प्लेटफॉर्म नंबर एक पर पहुंच गए।
पुणे के रहने वाले आदिक कदम ने कहा, “कश्मीर के लिए विशेष ट्रेन चलाये जाने से हम बहुत खुश हैं। इस ट्रेन में यात्रा करना हमारा सपना है। अब कश्मीर, कन्याकुमारी से पूरी तरह ट्रेन से जुड़ गया है, जो भारत का दूसरा छोर है।”
कदम अपने परिवार के साथ कश्मीर की यात्रा से लौट रहे थे। वह अपने बर्फबारी देखने के लिए कश्मीर गये थे।
उन्होंने कहा, “ट्रेन से जुड़ने के कारण कश्मीर अब हमारे बहुत करीब लगता है।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कटरा से विशेष ट्रेन को हरी झंडी दिखा सकते हैं। रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने कटरा-बारामुल्ला खंड पर ट्रेन सेवा चलाने के लिए हरी झंडी दे दी है।
हालांकि मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाये जाने की तिथि की घोषणा नहीं की गई है।
रेलवे ने 272 किलोमीटर वाली उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना पूरी कर ली है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, रेलवे बोर्ड ने आठ जून को पहली बार वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का अनावरण किया, जिसे विशेष रूप से आगामी कटरा-श्रीनगर रेल मार्ग के लिए जम्मू-कश्मीर की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में निर्बाध रूप से संचालित करने के लिए तैयार किया गया है।
ट्रेन में विशेष जलवायु संबंधी विशेषताएं शामिल हैं।
देश के विभिन्न भागों में वर्तमान में दौड़ रही अन्य 136 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में, इस ट्रेन में परिचालन चुनौतियों और जम्मू-कश्मीर की चरम मौसम स्थितियों में यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई अतिरिक्त विशेषताएं हैं। इस विशेष ट्रेन में उन्नत ‘हीटिंग सिस्टम’ शामिल हैं, जो पानी और ‘बायो-टॉयलेट’ टैंकों को जमने से रोकती है।
ट्रेन के ‘विंडशील्ड’ (आगे वाले शीशे) में ‘हीटिंग’ की सुविधा है, जो चालक के सामने के शीशे पर जमने वाली धुंध को खुद ब खुद पिघला देता है, जिससे कड़ाके की सर्दी में भी स्पष्ट दृश्यता सुनिश्चित होती है।
भाषा जितेंद्र रंजन
रंजन
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)