विमान हादसे के 56 साल बाद मिले जवान के शव का अंतिम संस्कार |

विमान हादसे के 56 साल बाद मिले जवान के शव का अंतिम संस्कार

विमान हादसे के 56 साल बाद मिले जवान के शव का अंतिम संस्कार

:   Modified Date:  October 3, 2024 / 05:49 PM IST, Published Date : October 3, 2024/5:49 pm IST

गोपेश्वर, तीन अक्टूबर (भाषा) भारतीय सेना के उस जवान का बृहस्पतिवार को चमोली जिले के थराली में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया जिसका शव 56 साल बाद मिला है।

वर्ष 1968 में रोहतांग के करीब हुए एक विमान हादसे में जान गंवाने वाले सैनिक नारायण सिंह बिष्ट का शव सोमवार को बर्फ में दबा हुआ मिला था ।

अंतिम संस्कार के मौके पर थराली के विधायक भूपाल राम टम्टा के अलावा बड़ी संख्या में सरकारी अधिकारी, सेना के अधिकारी, ग्रामीण और समाजसेवी मौजूद थे।

इससे पहले, बिष्ट की पार्थिव देह जब तिरंगे में लिपटी हुई उनके पैतृक गांव कोलपुड़ी लाई गई तो उसे देखते ही बरसों से उनके आने की बाट जोह रहे उनके परिजनों तथा अन्य ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं। करीब एक घंटे तक उनके पार्थिव शरीर को उनके घर में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया ।

बाद में, उनके पैतृक घाट ढाडर बगड़ में सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनकी चिता को उनके भतीजे सुरेंद्र सिंह और जयवीर सिंह ने मुखाग्नि दी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, 1968 में भारतीय वायुसेना का विमान चंडीगढ़ से 100 से ज्यादा जवानों को लेकर लद्दाख के लिए उड़ा था लेकिन हिमाचल प्रदेश के बर्फीले पहाड़ों से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया । कई सालों तक खोजबीन के बाद भी विमान में सवार जवानों का कोईं सुराग नहीं लग पाया । लापता जवानों की उस टोली में नारायण सिंह बिष्ट भी शामिल थे।

उनके परिजनों ने बताया कि दुर्घटना के समय नारायण सिंह बिष्ट की उम्र 21-22 वर्ष थी जबकि उनकी पत्नी बसंती देवी केवल नौ वर्ष की थीं । उन्होंने बताया कि अपने पति का इंतजार करते-करते 2011 में उनकी पत्नी का भी देहांत हो गया ।

अधिकारियों ने बताया कि चार-पांच दिन पहले भारतीय सेना ने फिर से हिमाचल प्रदेश के बर्फीले पहाड़ों में तलाशी अभियान शुरू किया था जिसमें बर्फ में दबा नारायण सिंह बिष्ट का शव मिला।

उनके मुताबिक, शव की शिनाख्त जेब में मिले पहचान पत्र और बटुए से मिले घर के पते से हुई ।

शव मिलने पर सेना के अधिकारियों ने उनके भतीजे जयवीर सिंह बिष्ट को इसकी जानकारी दी । जयवीर सिंह बिष्ट वर्तमान में ग्राम प्रधान भी हैं ।

उन्होंने बताया कि 56 साल बाद लापता ताऊ का शव मिलने की सूचना मिलते ही परिजनों को विश्वास नहीं हुआ ।

उन्होंने कहा कि यह सूचना मिलते ही परिवार में खुशी और गम दोनों का माहौल छा गया ।

ग्रामीणों ने थराली-घाट मोटर मार्ग को नारायण सिंह बिष्ट के नाम पर रखने की मांग करते हुए कहा कि यही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

भाषा सं दीप्ति नोमान

नोमान

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)