Soldier widow will get pension: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सेना के जवान की विधवा की याचिका पर अपना फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि सेना के जवान की विधवा अगर पति के भाई से शादी कर लेती है तो भी वह फैमिली पेंशन की हकदार होगी। हाई कोर्ट ने एक सैन्यकर्मी की विधवा की याचिका पर यह फैसला सुनाया है।
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हाई कोर्ट ने स्पष्ट करते हुए कहा कि अगर सेना के एक कर्मचारी की विधवा अपने दिवंगत पति के भाई से दोबारा शादी करती है तो वह पारिवारिक पेंशन की हकदार होगी। फतेहगढ़ साहिब निवासी सुखजीत ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। केंद्र सरकार को उसकी फैमिली पेंशन की बहाली का आदेश दिया है।
हालांकि कोर्ट ने साफ कहा है कि महिला को मृतक के आश्रितों की देखभाल करनी होगी। इन्होंने याचिका दाखिल कर सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) के अप्रैल 2016 के आदेश को चुनौती दी थी। याची ने कहा है कि कैट ने फैमिली पेंशन के उसके दावे को अस्वीकार कर दिया था। याची के पति मोहिंदर सिंह 1964 में वायुसेना में नियुक्त हुए। 1974 में याची का विवाह उनके साथ हुआ था। इसंजके पास एक बेटी भी है।
Soldier widow will get pension: वायुसेना में सेवा के दौरान इनके पति की मार्च 1975 में मौत हो गई। पति की मृत्यु के बाद याची को पारिवारिक पेंशन मिलने लगी। इस दौरान इन्होंने अपने पति के छोटे भाई के साथ शादी कर ली। इस बारे में जानकारी मिलने के बाद 1982 में केंद्र सरकार ने पारिवारिक पेंशन को रोक दिया।
पेंशन बहाली के लिए याची ने कैट के समक्ष याचिका दाखिल की। कैट ने याची के दावे को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सैन्य सेवा देने के दौरान जान गंवाने वाले जवान की विधवा से भेदभाव नहीं होना चाहिए। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को उसकी पारिवारिक पेंशन की बहाली का आदेश दिया है।