समाजवाद और पंथनिरपेक्षता संविधान की प्रस्तावना का हिस्सा होना चाहिए: पटनायक |

समाजवाद और पंथनिरपेक्षता संविधान की प्रस्तावना का हिस्सा होना चाहिए: पटनायक

समाजवाद और पंथनिरपेक्षता संविधान की प्रस्तावना का हिस्सा होना चाहिए: पटनायक

:   Modified Date:  November 27, 2024 / 03:33 PM IST, Published Date : November 27, 2024/3:33 pm IST

भुवनेश्वर, 27 नवंबर (भाषा) ओडिशा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नवीन पटनायक ने बुधवार को कहा कि दो शब्द ‘समाजवाद और पंथनिरपेक्षता’ भारतीय संविधान की प्रस्तावना का हिस्सा होने चाहिए।

पटनायक ने विधानसभा के एक प्रवेश द्वार के पास प्रदर्शित संविधान की प्रतिकृति में दो शब्दों ‘समाजवादी और पंथनिरपेक्षता’ का उल्लेख नहीं होने को लेकर सदन में हुए हंगामे के एक दिन बाद यह बात कही।

पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर सवालों का जवाब देते हुए संवाददाताओं से कहा, “यह ठीक नहीं है। ऐसा नहीं होना चाहिए। भारत एक पंथनिरपेक्ष देश है।”

बीजू जनता दल (बीजद) के नेताओं ने मंगलवार को विधानसभा में यह मुद्दा उठाया था और कथित गलती को सुधारने की मांग करते हुए हंगामा किया था, जिसके चलते सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित हुई थी।

भाषा जोहेब नरेश

नरेश

 

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