नयी दिल्ली, 9 मार्च । भारतीय औषधि नियामक ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के कोविड-19 रोधी टीके ‘कोवोवैक्स’ के सीमित आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि टीके को 12 से 17 साल के बच्चों के लिए विकसित किया गया है।
डीसीजीआई की ओर से मंजूरी मिलने की पुष्टि करते हुए एसआईआई के सीईओ अदार पूनावाला ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के ब्रांड कोवोवैक्स को लेकर देश में शोध पूरा हो चुके हैं। डीसीजीआई ने 12 साल से ऊपर के बच्चों के लिए इस टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। छोटे उम्र के बच्चे इस दिशा में जल्द बढ़ेंगे।’’
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देश में 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिए उपलब्ध यह कोरोना वायरस रोधी चौथा टीका होगा। भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने कोविड-19 से संबंधित विषय विशेषज्ञ समिति की सिफारिश के आधार पर कोवावैक्स के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी।
सरकार ने अभी तक 15 साल से कम उम्र वालों को टीका लगाने पर कोई फैसला नहीं लिया है।
डीसीजीआई को दिये गए आवेदन में 21 फरवरी को सीरम इंस्टीट्यूट में निदेशक (सरकारी और नियामक मामले) प्रकाश कुमार सिंह ने कहा कि 12 से 17 साल के लगभग 2707 बच्चों पर दो अध्ययनों से पता चलता है कि कोवोवैक्स अधिक असरदार, अधिक प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करने वाला एक सुरक्षित टीका है। यह भी कहा गया कि इस उम्र वर्ग के बच्चे इस टीके को अच्छी तरह बर्दाश्त कर सकते हैं।
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एक आधिकारिक सूत्र के मुताबिक, आवेदन में सिंह की ओर से कहा गया कि यह मंजूरी न केवल अपने देश के लिए फायदेमंद होगी, बल्कि इससे पूरा विश्व लाभान्वित होगा। सिंह की ओर से कहा गया, ‘‘यह हमारे प्रधानमंत्री के ‘मेकिंग इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड’ दृष्टिकोण के अनुरूप है। हमारे सीईओ डॉ. अदार सी पूनावाला के दर्शन के अनुरूप मुझे यकीन है कि कोवोवैक्स देश और दुनिया के बच्चों को बड़े पैमाने पर कोविड-19 बीमारी से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।’’
डीसीजीआई ने पहले ही 28 दिसंबर को वयस्कों में आपातकालीन स्थिति में सीमित उपयोग के लिए कोवोवैक्स को मंजूरी दे दी थी। हालांकि, इसे अभी तक देश के टीकाकरण अभियान में शामिल नहीं किया गया है।
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डीसीजीआई ने 21 फरवरी को कुछ शर्तों के अधीन 12 से 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के लिए बायोलॉजिकल-ई के कोविड-19 रोधी टीके ‘कॉर्बेवैक्स’ के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दी थी। कोवावैक्स को नोवावैक्स से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण द्वारा निर्मित किया गया है। इस टीके को यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी द्वारा बाजार में बिक्री को लेकर सशर्त मंजूरी दी गई है।
भारत में 15-18 साल के किशोरों का टीकाकरण करने के लिए भारत बायोटेक के टीके ‘कोवैक्सीन’ का उपयोग किया जा रहा है। डीजीसीआई ने सबसे पहले ‘जाइकोव-डी’ टीके को 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी थी।
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