मुंबई। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 1 मई से 15 जून तक एनपीआर के तहत सूचनाएं कलेक्ट करने की अधिसूचना जारी की है। जिसे लेकर उद्धव सरकार में सहयोगी दलों के बीच तनातनी देखने को मिल रही है। एनपीआर के प्रावधानों पर कांग्रेस विरोध कर रही है, वहीं उद्वव सरकार में मंत्री अनिल देसाई ने कहा है कि एनपीआर जनगणना जैसा ही है जो कि 10 साल में होती है, इससे उन्हे कोई एतराज नही है।
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बता दें कि सीएए को लेकर देश में अभी विरोध के सुर शांत नही हुए हैं, ऐसे में एनपीआर की अधिसूचना ने फिर से माहौल को गर्म कर दिया है। महाराष्ट्र में सहयोगी कांग्रेस जहां एनपीआर पर विरोध कर रही है वहीं एनसीपी ने इस बारे में अभी पत्ते नहीं खोले हैं। एनपीआर के संबंध में महाराष्ट्र सरकार भी जल्द ही अधिसूचना जारी करेगी। इसकी पुष्टि मुंबई स्थित केंद्रीय जनगणना कार्यालय ने की है।
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हाल में एनसीपी नेता और राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने एनपीआर के विरोधियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के दौरान कहा था कि सरकार कानून विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर रही है। शिवसेना इस बारे में मौन है, जिसे एनपीआर को उसका समर्थन माना जा रहा है।
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कर्मचारी और अधिकारी घर-घर जाकर 1 मई से 15 जून के बीच एनपीआर के लिए जानकारी एकत्र करेंगे, जबकि अगले साल 9 फरवरी से 28 फरवरी के बीच जनगणना की जाएगी। इसके लिए 3.34 लाख कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत रजिस्ट्रार जनरल ऐंड सेंसस कमिश्नर ने देशभर में अप्रैल से सितंबर तक जनसंख्या सूची को अपडेट करने के लिए एनपीआर लागू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए 7 जनवरी को अधिसूचना जारी की गई थी। जनगणना अधिकारियों, कर्मचारियों और पर्यवेक्षकों के लिए एक पुस्तिका में बताया गया है कि एनपीआर कैसे लागू करना है।
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