भुवनेश्वर। Avimukteshwaranand Saraswati on Gaw ‘Mata’ : आज ज्योतिर्मठ पीठम के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भुवनेश्वर पहुंचे। जहां उन्होंने सबसे पहले पूजा-अर्चना की। इसके बाद शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि मैं गौ प्रतिष्ठा ध्वज स्थापना भारत यात्रा के तहत यहां आया हूं। कानून बनाना सरकार का काम है, गौभक्तों को गौमाता की सेवा करनी चाहिए।
#WATCH | Odisha: Jyotirmath Peetham Shankaracharya, Swami Avimukteshwaranand Saraswati arrived in Bhubaneswar on 6th October.
After offering prayers at Lingaraj Temple, he said, “I have come here as a part of Gau Pratishtha Dhwaj Sthapana Bharat Yatra…Forming laws is the… pic.twitter.com/QEbbJ3JwxR
— ANI (@ANI) October 7, 2024
शंकराचार्य ने कहा कि सरकार की लिस्ट में गाय को जानवर की श्रेणी में रखा गया है, जबकि भारत की सभ्यता और संस्कृति में गाय को देवी कहा गया है। गाय का महत्व माता की संज्ञा देकर बताया गया है। सनातन धर्म के मानने वाले लोग गाय को गौ माता कहते हैं। ऐसे में गाय को पशु कहना सनातन धर्म और सनातन धर्म के मानने वालों का अपमान है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी परंपरा को आगे बढ़ाना चाहिए। इसके लिए सरकार की ओर से जारी जानवरों की लिस्ट में से गाय को बाहर करना होगा।
उन्होंने कहा कि एक बार यह कानून अस्तित्व में आ गया और लोग इसे समझ जाएंगे तो फिर लोगों के सोचने का नजरिया ही बदल जाएगा। बता दें कि ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती लंबे समय से गो संरक्षण और गो संवर्द्धन के लिए काम कर रहे हैं। इसके लिए वह विभिन्न राज्यों में घूमकर लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।
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