नई दिल्ली : Shazia Ilmi in Delhi High Court दिल्ली हाईकोर्ट ने पत्रकार राजदीप सरदेसाई को आदेश दिया कि वे ट्विटर पर अपलोड किए गए उस वीडियो को हटाएं, जिसमें उन्होंने भाजपा प्रवक्ता शाजिया इल्मी पर इंडिया टुडे के वीडियो पत्रकार के साथ दु्र्व्यवहार करने का आरोप लगाया था। कोर्ट ने सरदेसाई को फटकार लगाते हुए यह भी कहा कि आपको रिकॉर्ड करने का कोई अधिकार नहीं था और न ही इस वीडियो का उपयोग करने का।
Shazia Ilmi in Delhi High Court दरअसल यह विवाद 26 जुलाई को इंडिया टुडे पर सरदेसाई द्वारा संचालित एक टीवी बहस को लेकर है। प्रसारित इस डिबेट का विषय कारगिल विजय दिवस के इर्द-गिर्द की राजनीति और अग्निवीर योजना को लेकर था। इस डिबेट में मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) यश मोर और शाज़िया इल्मी भी शामिल थे। जब मेजर जनरल मोर अग्निवीर योजना की कमियों पर बात कर रहे थे, तो शाज़िया इल्मी ने हस्तक्षेप किया। इस पर सरदेसाई ने कहा कि मोर “कठिन तथ्यों” को पेश कर रहे हैं। इल्मी ने जवाब में कहा, “उपदेश मत दीजिए।” इसके बाद तीखी बहर हुई, जिसके बाद शाज़िया इल्मी शो छोड़कर चली गईं। उस रात, इल्मी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दावा किया कि डिबेट के दौरान सरदेसाई ने उनके माइक की आवाज़ को कम कर दिया था। अगले दिन, सरदेसाई ने सोशल मीडिया पर इल्मी पर इंडिया टुडे के वीडियो पत्रकार के साथ ‘दुर्व्यवहार’ करने का आरोप लगाया। साथ ही इसका वीडियो साझा किया।
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“You had no authority to record and no authority to use.”Delhi High Court orders Rajdeep Sardesai to take down the video he uploaded on X (Twitter) accusing BJP’s Shazia Ilmi of “abusing” an India Today video journalist.@shaziailmi @sardesairajdeep #Defamation pic.twitter.com/a2T9QODpwr
— Bar and Bench (@barandbench) August 13, 2024
Shazia Ilmi in Delhi High Court शाज़िया इल्मी ने इस वीडियो को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। जिसमें राजदीप सरदेसाई, इंडिया टुडे और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया। हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति मनीमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने सरदेसाई को वीडियो हटाने का आदेश दिया और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से भी इसे ब्लॉक करने के निर्देश दिए। कोर्ट ने कहा कि यह आदेश तब तक प्रभावी रहेगा जब तक इल्मी की ओर से मांगी गई अंतरिम राहत पर सुनवाई नहीं हो जाती।
हाईकोर्ट के आदेश के तुरंत बाद, शाज़िया इल्मी ने न्यायाधीश के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अब “इस राजनीतिक प्रोपेगेंडा से किया गया स्टिंग मुझे मानसिक और भावनात्मक पीड़ा नहीं पहुंचाएगा।” शाज़िया ने अपने समर्थकों को भी धन्यवाद दिया और कहा, “इन कठिन समय में मेरा समर्थन करने वाले सभी लोगों का बहुत-बहुत धन्यवाद।
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