Reported By: Vivek Pataiya
, Modified Date: August 2, 2024 / 03:33 PM IST, Published Date : August 2, 2024/3:27 pm ISTShivraj Singh on Congress : नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र का आज 10वां दिन है। इस सत्र में आम बजट 2024 पर चर्चा हो रही है। बजट को लेकर विपक्ष सरकार को लगातार घेर रहा है। गुरुवार को भी सदन में कई बार विपक्ष का हंगामा देखने को मिला। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विणी बैष्णव ने कल विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। तो वहीं आज केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कांग्रेस के सवालों के ऐसे जवाब दिए कि कांग्रेस की बोलती बंद हो गई।
Shivraj Singh on Congress : केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस को हमेशा शकुनि, चौसर और चक्रव्यूह याद आते हैं। जब हम महाभारत काल में जाते हैं। तब हमें तो कन्हैया याद आते हैं। अनीति और अधर्म किसने किया, ठगी किसने की। कांग्रेस के डीएनए में ही किसान विरोध है।
“जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी”
जब हम महाभारत काल में जाते हैं तो हमें भगवान श्रीकृष्ण नजर आते हैं, जबकि विपक्ष को छल- कपट और अधर्म के प्रतीक शकुनी तथा चौसर का ध्यान आता है। pic.twitter.com/SPoWddDSDW
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 2, 2024
शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस को कई उदाहरण देकर जवाब दिए। उन्होंने कहा कि शुरुआत से ही कांग्रेस की प्राथमिकताएं गलत रही हैं। हमारे पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, मैं उनका आदर करता हूं। वह रूस से एक मॉडल देखकर आए और कहा कि इसे लागू करो। चौधरी चरण सिंह ने कहा कि ये गलत है। 17 साल प्रधानमंत्री रहे, लेकिन क्या हुआ। अमेरिका से सड़ा हुआ लाल गेहूं भारत को खाने पर मजबूर किया गया।
कांग्रेस के DNA में किसान विरोध है। कांग्रेस की प्राथमिकताएं प्रारंभ से ही गलत रहीं। स्व. जवाहरलाल नेहरू जी 17 साल देश के प्रधानमंत्री रहे और तब देश को अमेरिका से आया सड़ा हुआ लाल गेहूं खाने को विवश होना पड़ता था। pic.twitter.com/sAX9Jz58nz
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 2, 2024
शिवराज सिंह ने आगे कहा कि इंदिरा के जमाने में जबरदस्ती लेवी वसूली का काम किया जाता था। भारत आत्मनिर्भर नहीं हुआ। राजीव गांधी ने एग्रीकल्चर प्राइस पॉलिसी की बात जरूर की, लेकिन किसानों की आय बढ़ाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। नरसिम्हा राव की सरकार में भी कृषि से जुड़े उद्योगों की भी डी-लाइसेंसिंग नहीं की। 2004 से 2014 की क्या बात करूं, उस समय घोटालों के देश में जाने जाते थे। भारत की राजनीति में, राजनीतिक क्षितिज पर एक दैदीप्यमान सूर्य का उदय हुआ, जिसने पूरे देश को विश्व से भर दिया- नरेंद्र मोदी। मोदी सरकार ने कृषि की प्राथमिकताएं बदल दीं।
मध्य प्रदेश के केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ये भी कहा कि केंद्र सरकार विपक्ष के अच्छे सुझावों का स्वागत करेगी। चौहान ने कहा कि उनकी सरकार किसानों को भगवान मानती है न कि वोटबैंक। उन्होंने विपक्ष के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिनमें किसानों को पर्याप्त एमएसपी न देने का आरोप लगाया गया। राज्यसभा में चर्चा के दौरान विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र और किसानों के लिए बीते 10 वर्षों में कुछ नहीं किया है और हालिया बजट भी उम्मीदों के अनुरूप नहीं है।
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