नयी दिल्ली, 26 जुलाई (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि यह भारत के लिए गर्व का पल है कि असम में अहोम राजवंश के सदस्यों को मृत्यु पश्चात उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ टीलेनुमा ढांचे में दफनाने की व्यवस्था ‘मोइदम’ को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल सूची में शामिल किया गया है।
इसी के साथ ‘मोइदम’ इस सूची में जगह बनाने वाली पूर्वोत्तर भारत की पहली सांस्कृतिक धरोहर बन गई। यह निर्णय भारत में आयोजित किए जा रहे विश्व धरोहर समिति (डब्ल्यूएचसी) के 46वें सत्र में लिया गया।
शाह ने ट्वीट किया, ‘‘यह भारत के लिए गर्व का पल है क्योंकि मोइदम-अहोम राजवंश के सदस्यों को टीलेनुमा ढांचे में दफनाने की व्यवस्था को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल सूची में शामिल किया गया है। असम के चराई देव में टीलेनुमा ढांचे अहोम वंश के राजाओं और रानियों की यादें संजोए हुए हैं।’’
गृह मंत्री ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘यह राजवंश विशाल मुगल सेना को कई बार परास्त करने के लिए जाना जाता है। यह शिलालेख असम के इतिहास को वैश्विक स्तर पर प्रसिद्धि दिलाएगा।’’
भारत ने 2023-24 के लिए यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) की विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने के लिए देश की ओर से नामांकन के रूप में ‘मोइदम’ का नाम दिया था।
‘मोइदम’ पिरामिड सरीखी अनूठी टीलेनुमा संरचनाएं हैं, जिनका इस्तेमाल ताई-अहोम वंश द्वारा अपने राजवंश के सदस्यों को उनकी मृत्यु के पश्चात उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ दफनाने के लिए किया जाता था। ताई-अहोम राजवंश ने असम पर लगभग 600 साल तक शासन किया था।
भाषा अमित नेत्रपाल
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