Shah announced to reduce the area under AFSPA in Nagaland, Assam and Manipur

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बड़ा ऐलान.. असम और मणिपुर में आफस्पा के तहत आने वाले क्षेत्र को कम किया जाएगा

शाह ने नगालैंड, असम और मणिपुर में आफस्पा के तहत आने वाले क्षेत्र को घटाने का ऐलान किया

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:24 PM IST
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Published Date: March 31, 2022 3:37 pm IST

नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को ऐलान किया कि दशकों बाद नगालैंड, असम और मणिपुर में सशस्त्र बल विशेषा अधिकार अधिनियम (आफस्पा) के तहत आने वाले अशांत क्षेत्रों को घटाया जा रहा है। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस फैसले का मतलब यह नहीं है कि उग्रवाद प्रभावित इन राज्यों से आफस्पा को पूरी तरह से हटाया जा रहा है, बल्कि यह कानून तीन राज्यों के कुछ इलाकों में लागू रहेगा।

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शाह ने ट्विटर पर कहा, “एक अहम कदम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व में भारत सरकार ने नगालैंड, असम और मणिपुर में दशकों बाद सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून के तहत आने वाले अशांत इलाकों को घटाने का फैसला किया है।” गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा में सुधार, निरंतर प्रयासों के कारण तेज़ी से हुए विकास, मोदी सरकार द्वारा उग्रवाद खत्म करने के लिए किए गए कई समझौतों और पूर्वोत्तर में स्थायी शांति के फलस्वरूप आफस्पा के तहत आने वाले इलाकों को घटाया जा रहा है।

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उन्होंने कहा, “ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अटूट प्रतिबद्धता की वजह से दशकों से उपेक्षा झेल रहा हमारा पूर्वोत्तर क्षेत्र अब शांति, समृद्धि और अभूतपूर्व विकास का गवाह बन रहा है। मैं पूर्वोत्तर के लोगों को इस अहम मौके पर बधाई देता हूं।” इन तीन पूर्वोत्तरी राज्यों में दशकों से आफस्पा लागू है जिसका मकसद क्षेत्र में उग्रवाद से निपटने के लिए तैनात सुरक्षा बलों की मदद करना है।

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आफस्पा सुरक्षा बलों को अभियान चलाने और बिना वारंट के किसी को भी गिरफ्तार करने की शक्ति प्रदान करता है और अगर सुरक्षा बलों की गोली से किसी की मौत हो जाए तो भी यह उन्हें गिरफ्तारी और अभियोजन से संरक्षण प्रदान करता है। इस कानून के कथित ‘कड़े’ प्रावधानों के कारण समूचे पूर्वोत्तर और जम्मू कश्मीर से इसे पूरी तरह से हटाने के लिए प्रदर्शन होते रहे हैं।