अलप्पुझा (केरल), चार जुलाई (भाषा) केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने बृहस्पतिवार को ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई)’ की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि अगर उसके तौर-तरीके नहीं बदले गए तो वह राज्य में वाम मोर्चे के लिए समस्या बन जाएगा।
यह आलोचना भाकपा के राज्य सचिव बिनॉय विश्वम ने की जिन्होंने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि माकपा की छात्र शाखा एसएफआई के तरीके वाम छात्र आंदोलन के तरीके नहीं हैं।
विश्वम ने कहा, ‘एसएफआई कार्यकर्ताओं को छात्र आंदोलन के इतिहास के बारे में पढ़ना चाहिए। उन्हें अपने उत्थान के बारे में और वे किसके पक्ष में खड़े हैं, इसका ज्ञान नहीं है। नया एसएफआई नहीं जानता कि वाम मोर्चा शब्द का अर्थ क्या है। वे अपनी राजनीतिक विचारधारा की गहराई को नहीं जानते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘वे नयी दुनिया में वाम मोर्चे के दायित्वों के बारे में भी नहीं जानते हैं। उन्हें यह सब सिखाया जाना चाहिए। अगर उन्हें नहीं सिखाया गया तो एसएफआई वाम मोर्चे के लिए एक बोझ बन जाएगा और ऐसा नहीं होना चाहिए।’
विश्वम एसएफआई की हाल की गतिविधियों के संदर्भ में बोल रहे थे, जो सुर्खियों में रहीं थी, जिसमें एक कॉलेज के प्रधानाध्यापक को कथित तौर पर थप्पड़ मारना और केरल विश्वविद्यालय परिसर में केरल छात्र संघ (केएसयू) नेता की पिटाई करना शामिल है।
विश्वम की ओर से यह कड़ी आलोचना मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन द्वारा राज्य विधानसभा में एसएफआई की गतिविधियों का बचाव करने के कुछ घंटों बाद आई हैं।
भाषा
योगेश माधव
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