भुवनेश्वर, छह नवंबर (भाषा) ओडिशा सरकार 10 और 11 नवंबर को यहां श्री अन्न (मोटा अनाज) और कम उपयोग किए जा रहे खाद्य पदार्थों पर एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन करेगी।
‘श्री अन्न एवं ओडिशा की कृषि विरासत का उत्सव’ विषय पर आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम का आयोजन कृषि एवं किसान सशक्तिकरण विभाग द्वारा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी दो दिवसीय संगोष्ठी का उद्घाटन करेंगे। इस संगोष्ठी का मकसद खाद्य सुरक्षा तथा वहनीय कृषि को बढ़ावा देने में मोटे अनाज एवं उपयोग में नहीं लाए जा रहे खाद्य पदार्थों की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करना है।
मंगलवार को मीडिया को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री के. वी. सिंह देव ने कहा, ‘‘हमें अपने आहार में श्री अन्न और अन्य मोटे अनाज को शामिल करने की आवश्यकता है, जो इन दिनों उपयोग में नहीं लाए जा रहे हैं, या जिनका बेहद कम उपयोग हो रहा है। ऐसा करके हम ओडिशा की कृषि विरासत की रक्षा कर सकते हैं, आदिवासी समुदायों और छोटे किसानों को आजीविका प्रदान कर सकते हैं तथा स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में महिला स्वयं सहायता समूह, किसान उत्पादक संगठन, नीति निर्माता, एमएसएमई, अनुसंधान संगठन, स्वास्थ्य संस्थान, होटल एसोसिएशन, शेफ, ब्लॉगर, छात्र और अन्य सहित विभिन्न हितधारक एक साथ आएंगे।
उपयोग में नहीं लिए जा रहे खाद्य पदार्थों में पारंपरिक व्यंजन जैसे बाजरे से बना दलिया, बाजरे से बना मीठा व्यंजन लाबांगलाटा तथा अन्य चीजें शामिल हैं जो घरों से लगभग लुप्त हो चुकी हैं।
भाषा यासिर मनीषा
मनीषा
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