सैलजा ने नाराजगी की अटकलों को खारिज किया, शाह ने कांग्रेस को दलित विरोधी बताया |

सैलजा ने नाराजगी की अटकलों को खारिज किया, शाह ने कांग्रेस को दलित विरोधी बताया

सैलजा ने नाराजगी की अटकलों को खारिज किया, शाह ने कांग्रेस को दलित विरोधी बताया

:   Modified Date:  September 23, 2024 / 09:34 PM IST, Published Date : September 23, 2024/9:34 pm IST

नयी दिल्ली/चंडीगढ़, 23 सितंबर (भाषा) कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा ने नाराजगी तथा पार्टी छोड़ने पर विचार करने से संबंधित तमाम अटकलों को खारिज करते हुए सोमवार को कहा कि वह हमेशा ‘कांग्रेसी’ बनी रहेंगी तथा अगले दो-तीन दिन में चुनाव प्रचार का फिर से आगाज करेंगी।

पार्टी के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सैलजा 26 सितंबर को नरवाना में चुनावी सभा को संबोधित करेंगी।

इस बीच केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने सैलजा के मामले को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए उसे ‘‘दलित विरोधी’’ पार्टी करार दिया और कहा कि उसने कुमारी सैलजा और अशोक तंवर जैसे दलित नेताओं का ‘‘अपमान’’ किया है।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव 61 वर्षीय सैलजा पार्टी का एक प्रमुख दलित चेहरा हैं। वह करीब दो सप्ताह के अंतराल के बाद चुनाव प्रचार में उतरेंगी।

हरियाणा विधानसभा के लिए पांच अक्टूबर को मतदान होगा। ऐसे में सत्तारूढ़ भाजपा कांग्रेस की प्रमुख दलित नेता के चुनाव प्रचार से दूर रहने को लेकर कांग्रेस पर लगातार निशाना साध रही है।

हाल ही में केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता मनोहर लाल खट्टर ने सैलजा को अपनी पार्टी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर ने विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की राज्य इकाई में कथित अंदरूनी कलह की ओर भी इशारा किया था।

इन तमाम अटकलों के बीच सैलजा सोमवार को सामने आईं और कहा कि भाजपा और सभी लोग जानते हैं कि वह ‘कांग्रेसी’ हैं।

उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व के साथ बैठक के सवाल पर कहा कि शीर्ष नेताओं के साथ अक्सर चर्चा होती रहती है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री सैलजा ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ‘‘पार्टी में 100 तरह की बातें होती हैं, लेकिन वो पार्टी के अंदर की बातें होती हैं। पार्टी को जिताने के लिए हमने लोकसभा चुनाव में मेहनत की, उसके बाद भी मेहनत की, इसलिए कि हम जमीन पर कांग्रेस पार्टी को मजबूत कर सकें, हरियाणा के लोगों की लड़ाई लड़ें, अपने कार्यकर्ताओं की लड़ाई लड़ें।’’

उनका कहना था, ‘‘हमें उसी काम को आगे ले जाते हुए कांग्रेस की सरकार बनानी है।’’

यह पूछे जाने पर कि वह चुनाव प्रचार कब शुरू करेंगी तो सैलजा ने कहा, ‘‘अगले दो-तीन दिन में चुनाव प्रचार शुरू करूंगी।’’

कांग्रेस नेतृत्व के साथ अपनी बैठक के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘नेताओं के साथ अक्सर चर्चा होती है, वो हमारा फीडबैक लेते हैं।’’

भाजपा के कटाक्ष और उन्हें अपने साथ आने का निमंत्रण देने के सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं चुप थी, इसलिए वो कुछ-कुछ बातें करते हैं। उनको भी मालूम है और सबको मालूम है कि सैलजा कांग्रेसी है।’’

बाद में उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैंने यह पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि मैं कांग्रेसी हूं और मैं कांग्रेसी ही रहूंगी। भाजपा अपनी कमियों को छिपाने की कोशिश कर रही है और इसीलिए वे इस तरह के मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें (भाजपा को) पहले लोगों को यह बताना चाहिए कि वे पिछले 10 वर्षों में क्या हासिल कर पाए हैं। इसके विपरीत, लोग भाजपा के 10 वर्षों के कुशासन में ठगा हुआ महसूस करते हैं।’’

इससे पहले, पार्टी महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने सोमवार को कहा कि सैलजा 26 सितंबर को नरवाना में चुनावी सभा को संबोधित करेंगी।

सैलजा की नाराजगी की खबरों के बीच सुरजेवाला ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आज नरवाना में कांग्रेस प्रत्याशी सतबीर दबलैन के लिए 22 जनसभाओं को संबोधित करूंगा। पूरे ज़िले व हरियाणा में कांग्रेस की जीत का परचम फहरायेंगे। सांसद व बड़ी बहन कुमारी सैलजा भी नरवाना में 26 तारीख़ को 12 बजे जनसभा को संबोधित करेंगी व कांग्रेस के लिए प्रचार करेंगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी और मल्लिकार्जुन खरगे जी के नेतृत्व में कांग्रेस लड़ेगी, जीतेगी व हरियाणा के सपनों को साकार करेगी।’’

उधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने हरियाणा की एक चुनावी सभा में कहा कि जब तक कांग्रेस सत्ता में थी, डॉ. बी.आर. आंबेडकर को भारत रत्न नहीं दिया गया।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस ने हमेशा दलित नेताओं का अपमान किया, चाहे वह अशोक तंवर हों या बहन कुमारी सैलजा। कांग्रेस ने सभी का अपमान किया।’’

पिछले कुछ दिनों से सैलजा चुनाव प्रचार से दूर हैं और ऐसे में उनके नाराज होने की अटकलें लगाई जा रही थीं।

माना जा रहा है कि सैलजा इस बात से नाराज हैं कि पार्टी ने उनके धुर विरोधी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को टिकट वितरण में खुली छूट दे दी, क्योंकि टिकट पाने वाले ज्यादातर उम्मीदवार हुड्डा के करीबी माने जाते हैं।

राज्य की 17 आरक्षित (एससी) सीटों में से अधिकतर पर हुड्डा के करीबी लोगों को टिकट मिला है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री सैलजा का सिरसा, अंबाला और हिसार समेत कई जिलों में अच्छा जनाधार है।

हाल ही में, कई भाजपा नेता सैलजा के कथित अपमान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं।

सैलजा इस चुनाव में आखिरी बार 11 सितंबर को करनाल जिले के असंध विधानसभा क्षेत्र से पार्टी उम्मीदवार शमशेर सिंह गोगी और अंबाला जिले के नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी शैली चौधरी के समर्थन में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल हुई थीं।

सैलजा दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी की ओर से ‘गारंटी’ जारी किए जाने के मौके पर भी उपस्थित नहीं थीं। पार्टी के एक नेता का कहना है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी में किसी पद पर नहीं हैं, ऐसे में उनकी अनुपस्थिति को लेकर सवाल खड़े किए जाने का कोई मतलब नहीं है।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘पार्टी की ओर से गारंटी जारी किए जाने के अवसर पर रणदीप सुरजेवाला और दीपेंद्र हुड्डा भी मौजूद नहीं थे। ऐसे में कुमारी सैलजा के मौजूद नहीं रहने को लेकर सवाल खड़े किए जाने का कोई अर्थ नहीं है।’’

कुछ दिनों पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदम्बरम ने कहा था कि हरियाणा प्रदेश कांग्रेस में कोई मतभेद नहीं है।

हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए पांच अक्टूबर को मतदान होगा और मतों की गिनती आठ अक्टूबर को होगी। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में 16 अगस्त से आदर्श आचार संहिता लागू है।

भाषा हक हक अविनाश

अविनाश

 

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