नयी दिल्ली, आठ जनवरी (भाषा) देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले दो विधेयकों पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति की दूसरी बैठक आगामी 31 जनवरी को होगी।
लोकसभा की वेबसाइट पर जारी किये गए कार्यक्रम में यह जानकारी दी गई है।
इस समिति की पहली बैठक आठ जनवरी को हुई थी, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने एक साथ चुनाव के विचार की सराहना की थी, तो विपक्षी सदस्यों ने इस पर सवाल खड़े किए थे।
इस 39 सदस्यीय समिति की पहली बैठक में भाग लेने वाले सांसदों ने विधेयकों के प्रावधानों और औचित्य पर विधि और न्याय मंत्रालय की एक प्रस्तुति के बाद अपने विचार व्यक्त किए तथा सवाल पूछे थे।
सभी सांसदों को 18,000 से अधिक पृष्ठों वाले दस्तावेजों से भरा ट्रॉली बैग दिया गया था। इसमें हिंदी और अंग्रेजी में कोविंद समिति की रिपोर्ट का एक-एक खंड और 21 खंडों के अनुलग्नक के अलावा एक सॉफ्ट कॉपी भी रखी गई थी।
लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ पर विचार के लिए संसद की 39 सदस्यीय संयुक्त समिति का गठन किया गया है।
भाजपा सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली 39 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति में भाजपा के 16, कांग्रेस के पांच, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक के दो-दो तथा शिवसेना, तेदेपा, जद(यू), रालोद, लोजपा (रामविलास), जन सेना पार्टी, शिवसेना (उबाठा), राकांपा (एसपी), माकपा, आम आदमी पार्टी, बीजू जनता दल (बीजद) और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एक-एक सदस्य शामिल हैं।
समिति में राजग के कुल 22 सदस्य हैं, जबकि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) के 10 सदस्य हैं। बीजद और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सत्तारूढ़ या विपक्षी गठबंधन के सदस्य नहीं हैं।
समिति को बजट सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन तक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है। इन विधेयकों को पिछले साल 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था।
भाषा हक
हक दिलीप
दिलीप
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)