असम में अवैध खदान में फंसे खनिकों की तलाश चौथे दिन भी जारी |

असम में अवैध खदान में फंसे खनिकों की तलाश चौथे दिन भी जारी

असम में अवैध खदान में फंसे खनिकों की तलाश चौथे दिन भी जारी

Edited By :  
Modified Date: January 9, 2025 / 12:21 PM IST
,
Published Date: January 9, 2025 12:21 pm IST

उमरंगसो (असम), नौ जनवरी (भाषा) असम के दीमा हसाओ जिले में एक अवैध कोयला खदान में फंसे खनिकों का पता लगाने के लिए बृहस्पतिवार को चौथे दिन भी कई राज्य और केंद्रीय एजेंसियों का बचाव अभियान जारी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पूरी रात पानी निकालने के बाद सुबह तलाश अभियान फिर से शुरू हुआ और रिमोट से संचालित वाहन (आरओवी) पानी से भरे शाफ्ट के अंदर भेजा गया।

उन्होंने कहा, “अभी तक आरओवी को कुछ भी पता नहीं चला है। यह अत्यंत प्रतिकूल और कठिन परिस्थिति के बावजूद, अंदर फंसे खनिकों का पता लगाने की बहुत कोशिश कर रहा है। अंदर का पानी पूरी तरह से काला हो गया है जिसकी वजह से कुछ भी खोजने में समस्या हो रही है।”

अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा नौसेना के चार गोताखोर भी फंसे खनिकों को खोजने के लिए पानी से भरे शाफ्ट के अंदर गए।

उन्होंने कहा कि अंदर फंसे खनिकों का पता लगाने के लिए नौसेना, सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी), कोल इंडिया और जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास जारी हैं।

सोमवार को गुवाहाटी से लगभग 250 किलोमीटर दूर उमरंगसो क्षेत्र में 3 किलो कोयला खदान में अचानक पानी भर जाने के कारण मजदूर उसमें फंस गए थे।

खदान के कर्मचारियों के अनुसार, घटना के समय अवैध खदान के अंदर लगभग 15 श्रमिक थे।

अधिकारी ने कहा, ‘खनिकों ने हमें बताया कि नौ लोग लापता हैं और बाकी लोग बच गए। उनमें से एक का शव कल बरामद किया गया।’

उन्होंने कहा कि कोल इंडिया ने महाराष्ट्र से 500 गैलन प्रति मिनट की क्षमता वाला एक भारी दबाव वाला पंप मंगाया है और यह पड़ोसी कछार जिले के सिलचर हवाई अड्डे पर पहुंच गया है।

अधिकारी ने कहा, ‘एक एमआई-17 हेलिकॉप्टर 2-3 उड़ानों में पंप के पुर्जे लाएगा और फिर उन्हें यहां घटनास्थल के निकट जोड़ा जाएगा। पहले से ही 5-6 पंप काम कर रहे हैं, लेकिन पानी में मौजूद गाद पंप के लिए समस्या पैदा कर रही है। हमें अब भारी सबमर्सिबल पंप की जरूरत है और इसकी व्यवस्था की जा रही है।”

उन्होंने पुष्टि की कि यह ‘पूरी तरह से रैट होल खदान’ थी, जो संबंधित अधिकारियों द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद पूरी तरह से अवैध थी।

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने 2014 में ‘रैट-होल खनन’ पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, पूर्वोत्तर में अभी भी इस खतरनाक तरीके से कोयला निकाला जाता है।

अधिकारी ने कहा ‘शाफ्ट खुद 310 फुट गहरा है। शाफ्ट से रैट-होल तकनीक के माध्यम से कई चैनल बनाए गए थे। हमें लगता है कि चैनलों में से एक की दीवार टूट गई थी और पूरा शाफ्ट पानी से भर गया था।’’

बचाव अभियान की निगरानी कर रहे एक विशेषज्ञ ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘यह भी संभावना है कि एक चैनल पास की किसी अप्रयुक्त खदान तक पहुँच गया हो, जो पहले से ही पानी से भरी हुई थी। दूसरी संभावना यह है कि एक चैनल भूमिगत जलाशय तक पहुँच गया हो और अचानक पानी भर गया हो। ये सभी आशंकाएं ही हैं, जिनकी हम इस समय पुष्टि नहीं कर सकते।’

खदान में पानी भरने से अंदर फंसे नौ खनिकों में से एक का शव बुधवार को सेना के गोताखोरों ने बरामद किया। उन्होंने शव को सतह से 85 फुट नीचे पाया। मृतक की पहचान नेपाल के उदयपुर जिले के गंगा बहादुर श्रेष्ठो के रूप में हुई।

भाषा जोहेब मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers