न्यायालय ने तमिलनाडु के मंत्री रामचंद्रन और थेनारासु से जुड़े अदालत के आदेश पर रोक लगाई |

न्यायालय ने तमिलनाडु के मंत्री रामचंद्रन और थेनारासु से जुड़े अदालत के आदेश पर रोक लगाई

न्यायालय ने तमिलनाडु के मंत्री रामचंद्रन और थेनारासु से जुड़े अदालत के आदेश पर रोक लगाई

:   Modified Date:  September 6, 2024 / 03:53 PM IST, Published Date : September 6, 2024/3:53 pm IST

नयी दिल्ली, छह सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी, जिसमें तमिलनाडु के राजस्व मंत्री के.के.एस.एस.आर. रामचंद्रन और वित्त मंत्री थंगम थेनारासु को आय से अधिक संपत्ति के मामलों में आरोप मुक्त करने के निचली अदालत के आदेश को रद्द कर दिया गया था।

न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति पी.के. मिश्रा की पीठ ने मंत्रियों द्वारा दायर अपील पर तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया।

इस मामले में आगे की सुनवाई चार हफ्ते बाद निर्धारित की गयी है।

उच्चतम न्यायालय ने यह आदेश तब पारित किया जब मामले में पक्षकारों की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक सिंघवी ने तर्क दिया कि स्वप्रेरित आपराधिक पुनरीक्षण मामले में आरोपमुक्ति को रद्द करने में उच्च न्यायालय द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया सही नहीं थी।

वकीलों ने दलील दी कि उच्च न्यायालय आपराधिक पुनरीक्षण करते समय यह नहीं मान सकता था कि सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) द्वारा दाखिल मामले को बंद करने की (क्लोजर) रिपोर्ट स्वीकार्य नहीं थी।

तमिलनाडु के महाधिवक्ता पट्टाभि सुन्दर रमन ने कहा कि तमिलनाडु सरकार इस आदेश के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका दायर करने की योजना बना रही है, क्योंकि यह आदेश डीवीएसी के निष्कर्षों में हस्तक्षेप करता है।

मद्रास उच्च न्यायालय ने सात अगस्त को आय से अधिक संपत्ति के मामलों में रामचंद्रन और थेनारासु को आरोप मुक्त करने के निचली अदालत के आदेश को खारिज करते हुए निचली अदालत को उनके खिलाफ आरोप तय करने का निर्देश दिया था।

आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति एन. आनंद वेंकटेश ने सांसदों और विधायकों के मामलों के लिए विशेष अदालत, विरुधुनगर के क्रमशः 20 जुलाई, 2023 और 12 दिसंबर, 2022 के आदेशों को रद्द कर दिया, जिसमें रामचंद्रन और थेनारासु को आय से अधिक संपत्ति के मामलों में आरोप मुक्त मुक्त कर दिया गया था।

दोनों मंत्री द्रमुक के वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें डीवीएसी द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामलों में मुकदमे का सामना करना होगा।

उच्च न्यायालय ने कहा था कि चूंकि प्रथम दृष्टया आरोप तय करने के लिए सामग्री उपलब्ध है, इसलिए विशेष अदालत आरोप तय करे और उसके बाद कानून के अनुसार आगे बढ़ेगी।

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने रामचंद्रन को नौ सितंबर को विशेष अदालत के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया। थेनारासु को 11 सितंबर को विशेष अदालत के समक्ष उपस्थित होना है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, रामचंद्रन ने अपने, अपनी पत्नी और मित्र के.एस.पी. षणमुगामूर्ति के नाम पर, पिछली द्रमुक सरकार के दौरान 2006 से 2011 के बीच स्वास्थ्य और पिछड़ा वर्ग मंत्री रहते हुए, अपने ज्ञात आय स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की थी।

टी. थेनारासु के खिलाफ अभियोजन पक्ष का मामला यह था कि उन्होंने 2006 से 2011 के बीच स्कूल शिक्षा मंत्री रहते हुए अपने और अपनी पत्नी के नाम पर आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की थी।

भाषा प्रशांत नरेश

नरेश

 

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