नयी दिल्ली, 25 दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण आदेश में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को ‘लॉटरी किंग’ के नाम से प्रसिद्ध सैंटियागो मार्टिन, उसके रिश्तेदारों और कर्मचारियों के खिलाफ छापेमारी के दौरान जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की सामग्री तक पहुंचने और उसकी प्रति बनाने से रोक दिया है।
न्यायालय ने 13 दिसंबर को यह आदेश ‘फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड’ (एफजीएचएसपीएल) और मार्टिन की याचिका पर पारित किया था और इससे जांच एजेंसियों को आरोपियों के मोबाइल फोन या लैपटॉप जब्त करने का निर्णय लेने से पहले पुनर्विचार करना पड़ सकता है।
यह आदेश इस तरह के मामलों में आरोपी व्यक्तियों के लिए मददगार हो सकता है।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की एक पीठ ने कहा कि नोटिस जारी किया जाता है और इस बीच, अर्जी को ध्यान में रखते हुए अंतरिम राहत प्रदान की जाती है।
पीठ ने याचिका पर केंद्र, ईडी और उसके अधिकारियों को नोटिस जारी किए और इस पर लंबित मामलों के साथ 17 फरवरी, 2025 को सुनवाई की तारीख तय की। अन्य मामलों में अमेजन इंडिया के कर्मचारी और 2023 न्यूजक्लिक मामला शामिल है, जहां याचिकाकर्ताओं ने जांच एजेंसियों द्वारा डिजिटल उपकरणों को जब्त करने के लिए दिशानिर्देश मांगे हैं।
ईडी सूत्रों ने कहा कि उन्होंने आदेश देखा है और डिजिटल रिकॉर्ड के अलावा मामले में उनके पास अन्य विश्वसनीय साक्ष्य भी बरामद हुए हैं।
नवंबर में छह राज्यों में 22 स्थानों पर की गई छापेमारी मेघालय पुलिस की एक शिकायत के बाद की गई थी, जिसमें मार्टिन की कंपनी ‘फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड’ पर राज्य में लॉटरी कारोबार पर अवैध रूप से एकाधिकार करने का आरोप लगाया गया था।
इस छापेमारी के दौरान 12.41 करोड़ रुपये की नकदी भी प्राप्त हुई थी।
फ्यूचर गेमिंग के वकीलों ने दलील दी कि जब्त इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की सामग्री हासिल करना गोपनीयता और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
भाषा
देवेंद्र सुरेश
सुरेश
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)