NEET-UG रि-एग्जाम में इन छात्रों के लिए फिर मौका, 23 जून को होगी परीक्षा | NEET controversy

NEET-UG रि-एग्जाम में इन छात्रों के लिए फिर मौका, 23 जून को होगी परीक्षा

NEET controversy: रविवार को 1,563 अभ्यर्थियों के लिए मेडिकल प्रवेश परीक्षा दोबारा आयोजित करने की तैयारी कर रही है।

Edited By :   Modified Date:  June 22, 2024 / 12:19 AM IST, Published Date : June 22, 2024/12:05 am IST

नयी दिल्ली: NEET controversy उच्चतम न्यायालय ने छह जुलाई से शुरू होने वाली नीट-यूजी काउंसलिंग प्रक्रिया को स्थगित करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया और कहा कि यह ऐसी प्रक्रिया नहीं है, जिसे जब चाहे शुरू एवं जब चाहे बंद कर दिया जाए। इसके साथ ही मुद्दे पर राजनीतिक विवाद जारी रहा। नीट और यूजीसी-नेट के संचालन में खामियों को लेकर आलोचना झेल रही राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) रविवार को 1,563 अभ्यर्थियों के लिए मेडिकल प्रवेश परीक्षा दोबारा आयोजित करने की तैयारी कर रही है। इन अभ्यर्थियों को छह केंद्रों पर समय के नुकसान के चलते कृपांक प्रदान किए गए थे।

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NEET controversy इस बीच, कांग्रेस ने संबंधित परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन किए और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग की। प्रधान दिल्ली विश्वविद्यालय के योग दिवस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए, जहां कुछ छात्रों ने कथित अनियमितताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा शासन में यह मुद्दा एक राष्ट्रीय समस्या बन गया है, जिसने करोड़ों युवाओं का ‘भविष्य बर्बाद’ कर दिया है। प्रधान द्वारा नीट को रद्द करने की दिशा में तत्काल किसी कार्रवाई से इनकार किए जाने के एक दिन बाद विरोध प्रदर्शन हुए।

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शिक्षा मंत्री ने बृहस्पतिवार को कहा था कि सरकार कदाचार की छिटपुट घटनाओं के कारण उन लाखों छात्रों के करियर को खतरे में नहीं डाल सकती, जिन्होंने सही तरीके से परीक्षा उत्तीर्ण की है। एनटीए अधिकारियों के अनुसार, रविवार को 1,563 अभ्यर्थियों के लिए पुन: परीक्षा सात केंद्रों पर आयोजित की जाएगी।

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एनटीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘अन्य सभी परीक्षा केंद्र बदल गए हैं, लेकिन चंडीगढ़ में एक केंद्र पहले वाला ही रहेगा, जहां केवल दो अभ्यर्थी उपस्थित होंगे। इसके अलावा, एजेंसी और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधिकारी भी इन केंद्रों पर मौजूद रहेंगे। पुन: परीक्षा का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।’’ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने नीट-यूजी प्रश्नपत्र लीक मामले में मुख्य आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। मायावती ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि सरकार को नीट पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, क्योंकि इसकी वजह से निर्दोष छात्र पिस रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पेपर लीक की आड़ में सियासत करना ठीक नहीं है। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि नीट ‘पेपर लीक’ प्रकरण में गिरफ्तार मुख्य संदिग्ध के राजद नेता तेजस्वी यादव से जुड़े अधिकारियों के साथ संदिग्ध संबंधों की सीबीआई जांच की सिफारिश करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अनुरोध किया जाएगा। सिन्हा ने बृहस्पतिवार को दावा किया था कि तेजस्वी यादव से जुड़े अधिकारी नीट ‘पेपर लीक’ मामले के मुख्य संदिग्ध सिकंदर प्रसाद यादवेंदु के लगातार संपर्क में थे।

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राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) 2024 पांच मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिसमें लगभग 24 लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया था। एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व रूप से 67 छात्रों ने पूरे 720 अंक प्राप्त किए थे जिसमें हरियाणा के फरीदाबाद के एक केंद्र से छह अभ्यर्थियों के नाम भी शामिल हैं। इससे अनियमितताओं का संदेह पैदा हो गया। आरोप है कि कृपांक दिए जाने से 67 छात्र शीर्ष रैंक पर पहुंच गए। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई की और छह जुलाई से प्रस्तावित काउंसलिंग प्रक्रिया को टालने से इनकार कर दिया तथा कहा कि यह ऐसी प्रक्रिया नहीं है, जिसे जब चाहे शुरू और जब चाहे बंद कर दिया जाए।

 

शीर्ष अदालत ने पांच मई को आयोजित परीक्षा में कथित अनियमितता को लेकर नीट-यूजी को रद्द करने के आग्रह वाली याचिका पर राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए), केंद्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी किए हैं। न्यायमूर्ति विक्रमनाथ और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की अवकाशकालीन पीठ ने परीक्षा में धांधली का आरोप लगाने वाली अन्य लंबित याचिकाओं के साथ इस मामले की अगली सुनवाई आठ जुलाई के लिए तय की।

 

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता ने पीठ से अनुरोध किया कि काउंसलिंग प्रक्रिया दो दिन तक रोकी जा सकती है, क्योंकि उच्चतम न्यायालय इन सभी याचिकाओं पर आठ जुलाई को सुनवाई करने वाला है। अधिवक्ता ने तर्क दिया, ‘‘मैं काउंसलिंग पर स्थगन का अनुरोध नहीं कर रहा हूं। मैं केवल प्रार्थना कर रहा हूं कि छह जुलाई को होने वाली काउंसलिंग केवल दो दिन के लिए टाल दी जाए। इसका कारण यह है कि मुख्य मामला आठ जुलाई को सूचीबद्ध है।’’ पीठ ने कहा, ‘‘हम एक ही तरह के बयान सुन रहे हैं। आपको बीच में रोकने को अन्यथा न लें।

 

काउंसलिंग का मतलब ‘शुरू करना और बंद करना’ नहीं है। यह एक प्रक्रिया है, जोकि छह जुलाई से शुरू हो रही है।’’ जब पीठ ने काउंसलिंग के पहले दौर की अवधि के बारे में पूछा, तो मामले में उपस्थित वकीलों में से एक ने कहा कि यह लगभग एक सप्ताह तक चलेगी। पीठ ने काउंसलिंग प्रक्रिया को स्थगित करने से इनकार करते हुए कहा कि एनटीए, केंद्र और अन्य उत्तरदाताओं की ओर से पेश अधिवक्ता दो सप्ताह के भीतर याचिका पर अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं। इस बीच, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि यह कोई छिटपुट मामला नहीं है और अतीत में कई मामले सामने आए हैं। हुड्डा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।