अदालत का ‘सनातन धर्म रक्षा बोर्ड’ के गठन संबंधी जनहित याचिका पर गौर करने से इंकार |

अदालत का ‘सनातन धर्म रक्षा बोर्ड’ के गठन संबंधी जनहित याचिका पर गौर करने से इंकार

अदालत का ‘सनातन धर्म रक्षा बोर्ड’ के गठन संबंधी जनहित याचिका पर गौर करने से इंकार

:   Modified Date:  November 27, 2024 / 01:14 PM IST, Published Date : November 27, 2024/1:14 pm IST

नयी दिल्ली, 27 नवंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को ‘सनातन धर्म रक्षा बोर्ड’ के गठन की मांग वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।

मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह अधिकारियों को इस तरह का बोर्ड गठित करने का निर्देश नहीं दे सकती क्योंकि यह मुद्दा नीतिगत क्षेत्र में आता है। पीठ ने याचिकाकर्ता को इसके बजाय सरकार से संपर्क करने को कहा।

पीठ ने कहा, ‘‘ आपको सरकार के पास जाना होगा। हम ऐसा नहीं करते। वे (सांसद) इसे संसद में उठाएंगे। हम इसमें कुछ नहीं कर सकते। हम यह नहीं कह सकते कि ट्रस्ट बनाएं।’’ पीठ में न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला भी शामिल थे।

याचिकाकर्ता ‘सनातन हिंदू सेवा संघ ट्रस्ट’ के वकील ने तर्क दिया कि बोर्ड ‘सनातन धर्म’ की रक्षा के लिए आवश्यक है जिसके अनुयायियों पर कथित तौर पर अन्य धर्मों के अनुयायियों द्वारा हमला किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इसी तरह के बोर्ड अन्य धर्मों के लिए भी मौजूद हैं, लेकिन उनके प्रतिवेदन पर उन्हें अभी तक केंद्र से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

अदालत ने कहा कि उसके पास याचिकाकर्ता द्वारा मांगे गए निर्देश को पारित करने का ज्ञान या क्षमता नहीं है।

अदालत ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता को सरकार से संपर्क करने की छूट देने के बाद रिट याचिका बंद की जाती है।’’

भाषा नरेश नरेश मनीषा

मनीषा

 

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