नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को देश के विभिन्न राज्यों में संपत्तियों के कथित ध्वस्तीकरण से संबंधित किसी नई याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति पी.के. मिश्रा की पीठ याचिका पर सुनवाई करने की इच्छुक नहीं थी, जिसके बाद याचिकाकर्ताओं के वकील ने इसे वापस ले लिया।
पीठ ने याचिकाकर्ताओं के वकील से कहा कि उसने हाल में उन याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है, जिसमें यह दलील दी गई है कि कई राज्यों में अपराध के आरोपी व्यक्तियों की संपत्तियों सहित अन्य संपत्तियों को ध्वस्त किया जा रहा है।
पीठ ने कहा, ‘‘इस पर पहले ही फैसला हो चुका है।’’
पीठ ने कहा कि उसके फैसले में संभवत: याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए मुद्दे का भी जवाब मिल सकता है।
एक अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह सड़क के बीच में स्थित संपत्तियों और धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर दिशा-निर्देश तैयार करेगी – चाहे वह दरगाह हो या मंदिर – इसे हटाना होगा क्योंकि जनहित सर्वोपरि है।
न्यायालय ने याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि किसी व्यक्ति का आरोपी या दोषी होना संपत्ति को ध्वस्त करने का आधार नहीं हो सकता।
भाषा शफीक नरेश
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