नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के 4 नए जजो को शपथ दिलाई। इसके साथ ही साल 2009 के बाद पहली बार ऐसा मौका आया है जब सुप्रीम कोर्ट में जजो की संख्या 31 हो गई है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 26 थी। राष्ट्रपति ने बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस बीआर गवई, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के सूर्यकांत, झारखंड हाई कोर्ट अनिरुद्ध बोस और गुवाहाटी हाई कोर्ट के एएस बोपन्ना को शपथ दिलाई।
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गौरतलब है कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई के नेतृत्व वाले कलिजियम ने जजों की संख्या बढ़ाने की सिफारिश की थी, लेकिन सुझाए गए जजों की वरिष्ठता और राज्यों के प्रतिनिधित्व में समानता के नाम पर लौटा दिया था। इसके बाद 12 अप्रैल को कलिजियम ने अपनी सिफारिश फिर दोहराया था।
8 मई को कलिजियम के सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबड़े, एनवी रमाना, अरुण मिश्रा और आरएफ नरीमन ने भी बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस गवई और हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के सीजे कांत की सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर नियुक्ति की सिफारिश की थी।
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इससे पहले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया आरएम लोढ़ा, एचएल दत्तू, टीएस ठाकुर, जेएस खेहर और दीपक मिश्रा के नेतृत्व में कलिजियम कभी भी इतनी बड़ी संख्या में सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति नहीं करा पाया था। कलिजियम की सिफारिशों पर काम करने में केंद्र सरकार ने भी शीघ्रता दिखाई। केंद्र ने जस्टिस गुप्ता, रेड्डी, शाह और रस्तोगी की नियुक्ति में 48 घंटे से भी कम समय लिया।
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