नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी के लेन देन को भारत में मान्यता देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी लेन देन पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है। मामले में न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है कि अब भारत के सभी बैंकों में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी का लेन देन कर शुरू कर सकते हैं। बता दें कि आरबीआई ने साल 2018 में क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन पर भारत में प्रतिबंध लगा दिया था।
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गौरतलब है कि आरबीआई ने पांच अप्रैल 2018 को सर्कुलर जारी कर सभी बैंकों से इन बिटक्वाइन एक्सचेंजों को सेवाएं बंद करने का आदेश दिया था। बिटक्वाइन और अन्य वर्चुअल करेंसी के सबसे बड़े डिजिटल एक्सचेंज जेबपे ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि वह रुपये में लेनदेन बंद कर रही है और उसके मोबाइल एप से बिटक्वाइन के बदले भुगतान भी नहीं हो सकेगा। कंपनी ने अपने ग्राहकों से पैसा निकाल लेने को कहा था।
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आरबीआई के सर्कुलर को लेकर इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और भारत में बिटक्वाइन और अन्य वर्चुअल करेंसी को मान्यता देने की मांग की थी। मामले में आरबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किए अपने हलफनामे में कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से मनी लाउंड्रिंग और टेरर फंडिंग के खतरे की संभावना अधिक है, जिसके चलते यहां बैन किया गया है।
बता दें क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी होती है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है। इस करेंसी में कोंडिंग टेकनीक का प्रयोग होता है। इस तकनीक के जरिए करेंसी के ट्रांजेक्शन का पूरा लेखा-जोखा होता है, जिससे इसे हैक करना बहुत मुश्किल है। यही कारण है कि क्रिप्टोकरेंसी में धोखाधड़ी की संभावना बहुत कम होती है।
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