न्यायालय के आदेश ‘‘महज मनोरंजन के लिये’’ नहीं: उच्चतम न्यायालय |

न्यायालय के आदेश ‘‘महज मनोरंजन के लिये’’ नहीं: उच्चतम न्यायालय

न्यायालय के आदेश ‘‘महज मनोरंजन के लिये’’ नहीं: उच्चतम न्यायालय

:   Modified Date:  July 3, 2024 / 09:04 PM IST, Published Date : July 3, 2024/9:04 pm IST

नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने यौन उत्पीड़न मामले में नाबालिग पीड़िता से पूछताछ करने संबंधी उसके आदेश का पालन न करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से बुधवार को अप्रसन्नता जाहिर की और कहा कि अदालत ‘‘महज मनोरंजन के लिए’’ कोई आदेश पारित नहीं करती।

न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाशकालीन पीठ ने अभियोजन पक्ष को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के मामले में पीड़िता से पूछताछ करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया और चेतावनी दी कि यदि निर्धारित समय के भीतर ऐसा नहीं किया गया तो वह राज्य के गृह सचिव को तलब करेगी।

न्यायमूर्ति अमानुल्लाह ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गरिमा प्रसाद से कहा, ‘‘हमारा आदेश अनिवार्य था, इसका अक्षरशः पालन किया जाना था। हम महज मनोरंजन के लिए कोई आदेश पारित नहीं कर रहे हैं।’’

उच्चतम न्यायालय लड़की से बलात्कार के आरोपी व्यक्ति की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

नाराज पीठ ने कहा, ‘‘हम ऐसा दिन-प्रतिदिन घटित होते देख रहे हैं….सरकारी वकील हमारे आदेशों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। यदि एक सप्ताह के अंदर ऐसा नहीं हुआ तो हम आपके गृह सचिव को यहां बुलाएंगे। ये सब होने देने में हम ही दोषी हैं…गलती हमारी ही है।’’

पीठ ने कहा कि राज्य के वकील का रवैया बहुत लापरवाही भरा है। इसने कहा कि चूंकि यह एक ‘‘अनिवार्य आदेश’’ था, इसलिए अभियोजन पक्ष को समय बढ़ाने के लिए याचिका दायर करनी चाहिए थी।

पीठ ने प्रसाद से कहा, ‘‘अदालत में बहुत सावधान रहें। अब हम इस पर गंभीरता से विचार करने जा रहे हैं। समय बढ़ाने के लिए उचित आवेदन दायर करना आपका कर्तव्य था।’’

आरोपी पर 16 वर्षीय लड़की के साथ कथित बलात्कार और आपराधिक धमकी का मामला दर्ज किया गया है। उसने पिछले साल 30 नवंबर को उसकी जमानत याचिका खारिज करने संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार नाबालिग का छह महीने से अधिक समय तक कई बार यौन शोषण करने के आरोप में आरोपी के खिलाफ 19 सितंबर, 2023 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

भाषा

देवेंद्र प्रशांत

प्रशांत

 

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