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भारी-भरकम दस्तावेज दाखिल करने पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी, कहा- इसे लाने के लिए लॉरी की व्यवस्था करनी पड़ी

भारी-भरकम दस्तावेज दाखिल करने पर उच्चतम न्यायालय ने जताई नाराजगीSC expresses displeasure over filing of bulky documents Had to arrange a lorry to bring it

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:51 PM IST, Published Date : August 6, 2021/3:39 pm IST

नई दिल्ली, छह अगस्त । उच्चतम न्यायालय ने एक मामले में उसके समक्ष दायर भारी-भरकम दस्तावेजों के बंडलों पर शुक्रवार को नाराजगी जाहिर की और कहा कि इतनी अधिक मात्रा में सामग्रियां न्यायाधीशों को “आतंकित” करने के लिए की जाती है। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने पिछले साल भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा पारित टैरिफ आदेश की वैधता से संबंधित याचिकाओं पर बंबई उच्च न्यायालय के फैसले के संबंध में दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए टिप्पणियां कीं। शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले में 51 खंड दायर किए गए हैं।

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पीठ ने कहा, “ कल, हमें इन सामग्रियों को लाने के लिए एक लॉरी की व्यवस्था करनी पड़ी। मामले में 51 खंडों में दस्तावेज दाखिल करने का क्या मकसद है? हम इन्हें पढ़ते नहीं रह सकते है। आप इतने खंडों में दस्तावेज दायर कर डराना चाहते हैं।” सुनवाई की शुरुआत में, पीठ ने कहा कि 51 खंड दायर करने का मकसद लगता है कि न्यायाधीश इन्हें पढ़ेंगे नहीं। पीठ ने मामले में पेश वकीलों को साथ बैठकर सुविधाजनक संकलन दायर करने को कहा ताकि मामले में कार्यवाही आगे बढ़ सके। शीर्ष अदालत ने मामले में अगली सुनवाई 18 अगस्त को तय की है।

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एक अन्य मामले पर सुनवाई करते हुए, पीठ ने कहा कि दस्तावेजों के सैकड़ों खंड न्यायाधीशों को आतंकित करने के लिए दाखिल किए जाते हैं। मामले में पेश हुए वकील ने कहा कि वह छोटा सुविधानजक संकलन दायर करेंगे। हालांकि, पीठ ने कहा कि इतने सारे खंड दायर किए जाने के बावजूद न्यायाधीशों ने फाइलों को पढ़ लिया है।