नयी दिल्ली, 24 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को असम सरकार से कहा कि वह नकदी संकट से जूझ रही कंपनी ‘असम टी कॉरपोरेशन लिमिटेड’ (एटीसीएल) को अपने कर्मचारियों का लंबे समय से लंबित बकाया चुकाने के लिए 35-35 करोड़ रुपये की दो समान किस्तों में 70 करोड़ रुपये का भुगतान करे।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा, ‘‘राज्य सरकार के सक्रिय होने में कुछ समय लगा।’’
इसने राज्य सरकार के दो किस्तों में राशि का भुगतान करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और कहा कि पहली किस्त का भुगतान 30 जून तक किया जाएगा।
दूसरी किस्त 30 जून, 2026 तक एटीसीएल के सक्षम अधिकारियों के पास जमा की जाएगी।
पीठ ने कहा, ‘‘हम यह स्पष्ट करते हैं कि जब भी राशि एटीसीएल के पास जमा होगी, वह उसे ‘आनुपातिक’ आधार पर वितरित करेगी।’’
शीर्ष अदालत ने कहा कि वह 70 करोड़ रुपये जमा करने के बाद ही तय करेगी कि राज्य सरकार को किसी भी अन्य देनदारी से मुक्त किया जाना चाहिए या नहीं।
पिछले साल 9 दिसंबर को, राज्य सरकार ने कहा था कि 70 करोड़ रुपये का भुगतान दो वार्षिक किस्तों में किया जाएगा और हलफनामा दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा।
शीर्ष अदालत राज्य सरकार के स्वामित्व वाले उद्यम एटीसीएल के कर्मचारियों को बकाया भुगतान न करने पर अवमानना याचिका पर कार्रवाई कर रही थी।
भाषा नेत्रपाल माधव
माधव
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)