नयी दिल्ली, 28 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को अपने आदेश में संशोधन करते हुए एडवोकेट एसोसिएशन आफ बेंगलुरु को बार एसोसिएशन में उपाध्यक्ष का एक पद सृजित करने की अनुमति दे दी, जिसके लिए आगामी सप्ताह में चुनाव होंगे।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह आदेश नये पद के सृजन के लिए एसोसिएशन के वकीलों द्वारा दायर विभिन्न हस्तक्षेप आवेदनों पर पारित किया।
शीर्ष अदालत का यह फैसला तब आया है जब उसने 24 जनवरी को कोषाध्यक्ष का पद महिलाओं के लिए निर्धारित किया था, जबकि चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी और पुरुष उम्मीदवारों द्वारा भी नामांकन दाखिल किये जा चुके थे।
पीठ ने अब एडवोकेट एसोसिएशन ऑफ बेंगलुरु (एएबी) को बार एसोसिएशन में उपाध्यक्ष का एक अतिरिक्त पद सृजित करने की अनुमति दे दी है।
पीठ ने निर्देश दिया है कि 24 जनवरी के आदेश से पहले कोषाध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने वाले पुरुष उम्मीदवारों को अन्य पदों के लिए चुनाव लड़ने या चुनावी मुकाबले से हटने का अवसर दिया जाए।
पीठ ने एएबी की ‘गवर्निंग काउंसिल’ में पदों के सृजन की भी अनुमति दी, क्योंकि 30 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
पीठ ने कहा कि नामांकन पत्र एक सप्ताह के भीतर दाखिल किए जाएंगे, जबकि चुनाव तीन सप्ताह में होंगे।
शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि नियमों में किसी विशेष पद के लिए कोई पात्रता मानदंड का उल्लेख है, तो उसका सख्ती से पालन किया जाएगा।
शीर्ष अदालत ने 24 जनवरी को अपनी पूर्ण शक्तियों का प्रयोग करते हुए एसोसिएशन में कोषाध्यक्ष का पद महिला वकीलों के लिए आरक्षित कर दिया था। इसने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग किया और कहा कि बार निकाय के लिए चुनाव 2 फरवरी को निर्धारित थे और नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो गई थी।
अदालत ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए कहा कि अधिवक्ताओं के विभिन्न निर्वाचित निकायों में महिलाओं को आरक्षण प्रदान करने का यह ‘उचित समय’ है और एसोसिएशन की महिला उम्मीदवारों के लिए सीट निर्धारित करने के संबंध में ‘मेमोरैंडम’ और उपनियमों में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं थे।
पीठ ने चुनाव की निगरानी के लिए गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति और बार निकाय चुनाव के लिए ‘मुख्य निर्वाचन अधिकारी’ को नामांकन आमंत्रित करने की तारीख बढ़ाने का निर्देश दिया और कहा कि यदि आवश्यक हो तो चुनाव को कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया जाए।
पीठ ने कहा कि हालांकि, उक्त निर्णय समिति और मुख्य निर्वाचन अधिकारी के विवेक पर होगा।
शीर्ष अदालत ने समिति और निर्वाचन अधिकारी को आदेश दिया कि वे एडवोकेट एसोसिएशन ऑफ बेंगलुरु की शासी परिषद में महिला अधिवक्ताओं के पर्याप्त प्रतिनिधित्व पर भी विचार करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परिषद के कम से कम 30 प्रतिशत निर्वाचित सदस्य 10 वर्ष के अनुभव वाली महिला उम्मीदवार हों।
महिला वकीलों द्वारा दायर मुख्य याचिका में दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के मामले में महिला आरक्षण के लिए जारी निर्देशों को लागू करने का अनुरोध किया गया था। अदालत ने पिछले साल कोषाध्यक्ष के पद सहित महिला वकीलों के लिए सीट आरक्षित करने का निर्देश दिया था।
शीर्ष अदालत ने हाल ही में ‘दिल्ली सेल्स टैक्स बार एसोसिएशन’ और ‘दिल्ली टैक्स बार एसोसिएशन’ की कार्यकारी समिति में कोषाध्यक्ष का पद आरक्षित करने सहित महिला वकीलों के लिए 30 प्रतिशत सीट आरक्षित करने का निर्देश दिया है।
शीर्ष अदालत ने 20 जनवरी को निर्देश दिया था कि ‘राष्ट्रीय हरित अधिकरण बार एसोसिएशन’ के चुनाव में महिला वकीलों के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित होंगी।
भाषा अमित नरेश
नरेश
Follow us on your favorite platform:
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)