रांची: #SarkaronIBC24: झारखंड में डेमोग्राफी चेंज पर सियासी संग्राम मचा है। दरअसल बीजेपी के मुताबिक झारखंड के कई जिलों में मुसलमानों की संख्या में इजाफा हुआ। मामला झारखंड हाईकोर्ट और चुनाव आयोग तक पहुंच चुका है। आज संसद में भी मामले की गूंज सुनाई दी। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि झारखंड में मुस्लिमों की आबादी तेजी बढ़ी है। आखिर क्या है सच.. क्या वाकई झारखंड में डेमोग्राफी चेंज हो रहा है.. एक रिपोर्ट देखिये
झारखंड में बीजेपी ने सोरेन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस बार मुद्दा है आदिवासी बनाम मुस्लिम आबादी। बीजेपी का आरोप है कि झारखंड में आदिवासी की जनसंख्या लगातार घट रही है और मुसलमानों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। लोकसभा मे बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के मुताबिक झारखंड के 25 विधानसभाओं में 110 मुस्लिम आबादी बढ़ी है जबकि आदिवासियों की जनसंख्या 36 फीसदी से घटकर 26 फीसदी रह गई है।
वैसे बीजेपी इस मुद्दे को लगातार उठा रही है। उसका दावा है कि झारखंड के संथाल परगना की डेमोग्राफी तेजी से बदली है। संथाल परगना में राज्य के 6 जिले आते हैं। इनमें पाकुड़, साहिबगंज, जामताड़ा, राजमहल, गोड्डा और दुमका शामिल हैं। बीजेपी का दावा है कि इन 6 जिलों में 12 लाख से ज्यादा नई आबादी बसी है। इसकी सबसे बड़ी वजह बांग्लादेशी घुसपैठिये हैं।
इससे पहले बीजेपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी डेमोग्राफी चेंज के मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत कर फर्जी मतदाताओँ पर कार्रवाई करने को कहा है। एक ओर बीजेपी का दावा है कि झारखंड में मतदाताओं की संख्या में अचानक 20% से 123% तक की वृद्धि हुई है, जो बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा और साजिश की ओर इशारा करता है। जिसपर सत्तापक्ष ने उलटे केंद्र सरकार को कठघरे में ख़ड़ा कर दिया।
डेमोग्राफी चेंज का मामला राजनीतिक खींचतान के दायरे से आगे निकलकर हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। एक जनहित याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को प्लान तैयार करने के लिए कहा है। यानी डेमोग्राफी चेंज को लेकर कई मोर्चों पर बवाल मचा है। साथ ही सुलगते सवाल भी हैं। सबसे बड़ा सवाल ये कि क्या वाकई आदिवासियों के आशियाने, बांग्लादेशी घुसपैठियों के निशाने पर हैं।