नईदिल्ली। assembly elections in Jammu and Kashmir जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर तक इलेक्शन कमीशन को राज्य विधासनभा चुनाव कराने के निर्देश दिए थे। आयोग की टीम इसे लेकर राज्य का दौरा कर चुकी है। जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार विधानसभा चुनाव 2014 में हुए थे। धारा 370 हटने के बाद ये पहला मौका होगा जब कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे।
जम्मू-कश्मीर की तकदीर आने वाले दिनों में कश्मीर के लोग खुद लिखेंगे।राज्य में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया बहाल होने जा रही है। चुनाव आयोग की टीम 8 और 9 अगस्त को राज्य का दौरा कर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट भी 30 सितंबर तक राज्य में विधानसभा चुनाव कराने का आदेश दे चुका है। जिससे चुनाव आयोग एक्टिव मोड में है। जम्मू-कश्मीर के लिए ये चुनाव अहम होने जा रहा है। जब 5 अगस्त 2019 को धारा 370 हटने के बाद राज्य में पहली बार चुनाव होंगे। चुनाव आयोग ने इसे लेकर बुधवार को गृह सचिव अजय भल्ला के साथ अहम बैठक की और जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चर्चा की। इस बैठक में निकले निष्कर्षों के आधार पर ही चुनाव आयोग जम्मू-कश्मीर का चुनावी कार्यक्रम तैयार करेगा।
assembly elections in Jammu and Kashmir कश्मीर से लेकर दिल्ली तक जिस तरह से विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि चुनाव आयोग 20 अगस्त तक राज्य में चुनाव की तारीखों का एलान कर सकता है। राज्य में अक्टूबर-नवंबर में 6 फेज में वोटिंग हो सकती है। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद कश्मीर में ये पहला विधानसभा चुनाव होगा। सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर 2024 तक विधानसभा चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने को भी कह चुका है।
पीएम मोदी 20 जून को जब श्रीनगर आए थे। तब पीएम ने भी जल्द विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा की थी। हालांकि राज्य में परिसीमन के बाद विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे। राज्य में भले चुनाव प्रक्रिया बहाल होने जा रही हो लेकिन इसे लेकर चुनौती भी कम नहीं है। राज्य की मुख्य पार्टियों नेशनल कॉन्फ्रेंस और PDP ने चुनाव प्रक्रिया से दूरी बना ली है। इन पार्टियों का आरोप है कि जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश है और राज्यपाल के पास दिल्ली के उपराज्यपाल की तरह बेहिसाब शक्तियां दे दी गई हैं।
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जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 87 सीटों के लिए 2014 में हुए आखिरी विधानसभा चुनाव में PDP सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। उसे 28 सीट मिली थी.. जबकि दूसरे स्थान पर 25 सीटों के साथ BJP और 15 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर नेशनल कॉन्फ्रेंस रही थी। वहीं कांग्रेस ने 12 तो निर्दलीय प्रत्याशियों ने 3 और अन्य दलों को 4 सीटें जीती थी।
जम्मू-कश्मीर के लोगों में लोकतंत्र और चुनाव प्रक्रिया के प्रति कितनी गहरी आस्था है ये लोकसभा चुनाव के दौरान पूरी दुनिया ने देखा। जब वोटिंग के लिए कश्मीरी लोग घरों से निकले और आतंकवादियों की परवाह किए बिना पोलिंग सेंटर के बाहर लंबी-लंबी कतार में नजर आए। धारा 370 हटने के बाद कश्मीर से जुड़ा हर छोटा-बड़ा फैसला केंद्र सरकार लेती आई है। लेकिन अब वक्त आ गया है जब राज्य की कमान कश्मीरियों के हाथों में दे दी जाए।
ब्यूरो रिपोर्ट आईबीसी24
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