मुंबई। Sanjay Raut Latest Statement : शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (उबाठा) के नेता एवं सांसद संजय राउत ने ‘इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ (ईवीएम) में गड़बड़ियों का सोमवार को आरोप लगाते हुए महाराष्ट्र में मतपत्रों के जरिए दोबारा चुनाव कराए जाने की मांग की। राउत ने पत्रकारों से बात करते हुए आरोप लगाया कि ईवीएम में गड़बड़ी की कई शिकायतें मिली हैं और उन्होंने हाल में हुए चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल उठाया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने विधानसभा चुनाव में 288 में से 230 सीट जीतीं जबकि विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) को 46 सीट पर जीत मिली। एमवीए में शामिल शिवसेना (उबाठा) ने 95 सीट पर चुनाव लड़कर मात्र 20 सीट जीतीं। राउत ने कहा, ‘‘ईवीएम को लेकर हमें करीब 450 शिकायतें मिलीं। बार-बार आपत्ति जताए जाने के बावजूद इन मामलों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। हम कैसे कह सकते हैं कि ये चुनाव निष्पक्ष तरीके से हुए? इसलिए मेरी मांग है कि नतीजों को रद्द किया जाए और दोबारा चुनाव मत पत्रों के जरिए कराए जाएं।’’
उन्होंने कुछ उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा कि नासिक में एक उम्मीदवार को कथित तौर पर केवल चार वोट मिले, जबकि उसके परिवार के 65 वोट थे। उन्होंने कहा कि डोंबिवली में ईवीएम की गिनती में विसंगतियां पाई गईं और चुनाव अधिकारियों ने आपत्तियों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। शिवसेना (उबाठा) नेता ने कुछ उम्मीदवारों की भारी जीत की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘उन्होंने ऐसा कौन सा क्रांतिकारी काम किया जो उन्हें 1.5 लाख से अधिक वोट मिले? यहां तक कि हाल में पार्टी बदलने वाले नेता भी विधायक बन गए। इससे संदेह पैदा होता है। पहली बार शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता ने ईवीएम पर संदेह व्यक्त किया है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।’’ चुनावों में एमवीए के खराब प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर राउत ने किसी एक को जिम्मेदार ठहराने के विचार को खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा, हमने एकजुट एमवीए के रूप में चुनाव लड़ा। यहां तक कि शरद पवार जैसे नेता, जिनका महाराष्ट्र में बहुत सम्मान है, उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा। इससे पता चलता है कि हमें विफलता के पीछे के कारणों का विश्लेषण करने की आवश्यकता है। इसका एक कारण ईवीएम में अनियमितताओं के अलावा प्रणाली का दुरुपयोग, असंवैधानिक चलन और यहां तक कि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ द्वारा न्यायिक निर्णयों को अनसुलझा छोड़ा जाना भी है। राउत ने जोर देकर कहा कि हालांकि एमवीए के भीतर आंतरिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन विफलता सामूहिक थी। उन्होंने महायुति पर अनुचित तरीके से चुनाव कराने का भी आरोप लगाया।
Follow us on your favorite platform: