शिमला, 14 नवंबर (भाषा) शिमला की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को स्थानीय निवासियों द्वारा दायर उस आवेदन को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने संजौली मस्जिद मामले में पक्षकार बनने की मांग की थी।
यह आवेदन 11 नवंबर को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की अदालत में दायर किया गया था।
अदालत ऑल हिमाचल मुस्लिम संगठन (एएचएमओ) द्वारा दायर एक अपील की विचारणीयता पर सुनवाई कर रही है, जिसमें दो महीने के भीतर पांच मंजिला संजौली मस्जिद की तीन अनधिकृत मंजिलों को गिराने की अनुमति देने के नगर आयुक्त की अदालत के 5 अक्टूबर के आदेश को चुनौती दी गई है।
स्थानीय लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता जगत पाल ने कहा कि उन्होंने अदालत के समक्ष 25 पन्नों की दलील प्रस्तुत की थी, जिसमें आग्रह किया गया था कि उन्हें मामले में पक्षकार बनाया जाए।
हालांकि, उन्होंने कहा कि आवेदन खारिज होने से मामले पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 18 नवंबर तय की है।
गत 11 सितंबर को शिमला के संजौली इलाके में मस्जिद के एक हिस्से को गिराने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान 10 लोग घायल हो गए थे।
अगले दिन, संजौली मस्जिद के अध्यक्ष लतीफ मोहम्मद और मुस्लिम समुदाय के अन्य लोगों ने तीन अनधिकृत मंजिलों को ध्वस्त करने की पेशकश की और इसके लिए नगर आयुक्त से अनुमति मांगी।
अदालत ने विध्वंस की अनुमति दी और उसके आदेश को बाद में एएचएमओ ने चुनौती दी।
भाषा वैभव रंजन
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