लखनऊ: सीएए और एनआरसी को लेकर बीते दिनों देश के कई राज्यों में जमकर प्रदर्शन हुआ था। कई जगहों पर हिंसक घटनाएं भी हुई थी, जिसके चलते एक दर्जन अधिक लोग मारे गए थे और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। प्रदर्शन को देखकर तो यूं लग रहा था कि जैसे ये हक की एक लड़ाई है, लेकिन धीरे—धीरे प्रदर्शन में सियासी रंग चढ़ने लगा है। दरअसल एक राजनीतिक पार्टी ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शनकारियों को पेंशन देने का ऐलान किया है। इस बात से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस प्रदर्शन के पीछे कितना बड़ा सियासी खेल खेला जा रहा है।
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मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोविंद चौधरी ने यह ऐलान किया है कि यदि केंद्र और राज्य में हमारी सरकार आती है तो सीएए और एनआरसी का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों को पेंशन देने का काम किया जाएगा। उन्होंने संविधान बचाने का काम किया है। संविधान बचाने के लिए आंदोलन किया है। प्रदर्शनकारियों को संविधान रक्षक का दर्जा दिया जाएगा। जिन लोगों को जेल हुई है या मौत हुई है, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। हमारी पार्टी किसी के नागरिकता पर सवाल नहीं खड़ा करती है। जब तक नागरिकता कानून को वापस लेने का फैसला नहीं किया जाता है, तब तक यह सत्याग्रह जारी रहेगा।
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उन्होंने आगे कहा है कि भाजपा की सरकार विपक्ष के सवालों का जवाब देने में नाकाम हो गई है। इसलिए जो भी सत्र बुलाती है, उसमें पहले ही सब कुछ समेट कर भाग जाती है। पिछली बार भाजपा की सरकार ने प्रश्न काल में ही सारा बजट पास करवा लिया जो असंवैधानिक है। यह सरकार सदन का अपमान कर रही है। मुख्यमंत्री विषय से अलग हटकर बोलते हैं। ये सरकार विपक्ष की बात को सुनना नहीं चाहती है।
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