नई दिल्ली। Project Bhishma Portable Hospital : भारतीय सेना की जितनी तारीफ की जाए कम होगी। भारत की सेना हर कठिन से कठिन परिस्थिति से लड़ने के लिए सदैव तैयार रहती है। भारतीय सेना अपनी जान की परवाह किए बिना देश की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहती है। हर क्षेत्रों में सैनिक देश का नाम गर्वित करते हैं। एक बार फिर भारतीय सेना ने बड़ा कारनामा करके दिखाया है। भारतीय वायुसेना और थलसेना ने संयुक्त रूप से लगभग 15 हजार फुट की ऊंचाई पर ‘आरोग्य मैत्री हेल्थ क्यूब’ पहल के तहत ‘‘अपनी तरह के पहले सटीक पैरा-ड्रॉप” अभियान को अंजाम दिया है। रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी।
Project Bhishma Portable Hospital : रक्षा मंत्रालय की ओर से तैयार किए गए इस पोर्टेबल अस्पताल को ‘आरोग्य मैत्री हेल्थ क्यूब’ के रूप में जाना जाता है। दुनिया के इस पहले पोर्टेबल अस्पताल का इस्तेमाल किसी भी स्थान पर इमरजेंसी और ट्रॉमा केयर फैसिलिटीज देने के लिए किया जाता है। इस तरह के पोर्टेबल अस्पताल से सबसे दूरदराज के क्षेत्रों में भी जीवन बचाया जाता है।
Showcasing jointness, #IndianAirForce & #IndianArmy conducted first-of-its-kind paradrop of indigenously-made world’s 1st portable hospital at 15,000ft elevation. Aarogya Maitri Health Cube is part of BHISHM (Bharat Health Initiative for Sahyog, Hita & Maitri) to enhance HADR… pic.twitter.com/4gz7pH46cq
— A. Bharat Bhushan Babu (@SpokespersonMoD) August 17, 2024
बता दें कि इस अभियान को मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) के रूप में प्रभावित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण आपूर्ति प्रदान करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप अंजाम दिया गया। बयान में कहा गया कि वायुसेना ने क्यूब को ‘एयरलिफ्ट’ करने और सटीक रूप से ‘पैरा-ड्रॉप’ करने के लिए अपने उन्नत सामरिक परिवहन विमान सी-130जे सुपर हरक्यूलिस का इस्तेमाल किया।
इन पोर्टेबल क्यूब्स का निर्माण भारत हेल्थ इनिशिएटिव फॉर सहयोग हित एंड मैत्री यानी BHISHM प्रोजेक्ट के तहत किया गया है। अत्याधुनिक तकनीक से लैस इन पोर्टेबल अस्पतालों को जनवरी में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले मेडिकल इमरजेंसी से निपटने के लिए अयोध्या में बी तैनात किया गया था।
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