Saharanpur district administration: सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जिसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगे और कहेंगे कि क्या ऐसा भी हो सकता है। दरअसल, सहारनपुर जिला प्रशासन कोविड लॉकडाउन के दौरान मजदूरों से जब्त की गई साइकिलों की नीलामी कर रहा है। चर्चा है कि इस नीलामी से सरकार ने लाखों की कमाई की है। दूसरी तरफ प्रशासन का कहना है कि सिर्फ उन्हीं साइकिलों को नीलाम की जा रही है, जिनके मालिकों ने उन्हें वापस लेने से मना कर दिया है। प्रशासन के मुताबिक, जो भी पैसा मिलेगा, उसे सरकारी खजाने में जमा करेंगे।
बता दें कि कोरोना वायरस महामारी की पहली लहर के दौरान लगे लॉकडाउन को आप भूले नहीं होंगे। दुकान, रेल, बस सब बंद और सड़कों पर तपती धूप में साइकिल से और पैदल अपने घर जाते हजारों मजदूरों की वो तस्वीरें तो आपको याद ही होंगी। उस समय बड़ी तादाद में मजदूर साइकिल से ही पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से पलायन कर रहे थे।
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सहारनपुर तीन राज्यों की सीमाओं से मिलता है, इस वजह से सहारनपुर पलायन कर रहे मजदूरों का हब बन गया था। बढ़ते संक्रमण के खतरे और यातायात बंद होने की वजह से सरकार ने मजदूरों को बसों में बैठाकर उनके घरों तक पहुंचाने का फैसला किया। इस दौरान जिन मजदूरों के पास साइकिल थीं, उनसे सहारनपुर में ही अपनी साइकिल छोड़ने के लिए कहा गया था।
इन साइकिल की गद्दियों पर लिखे नंबर का टोकन उन मजदूरों को दिया गया था, जिससे वे बाद में आकर अपनी साइकिल ले जा सके। करीब 25 हजार मजदूर अपनी साइकिल छोड़ गए थे। सहारनपुर के पिलखनी इलाके में स्थित राधा स्वामी सत्संग भवन में मजदूरों को क्वारंटीन किया गया था। बाद में वहीं से उन्हें बसों के जरिए घर पहुंचाया गया। इस दौरान वहां मजदूरों ने अपनी साइकिल छोड़ी थीं। इन्हें राधा स्वामी सत्संग भवन के एक खाली पड़े प्लॉट में रखा गया था। लॉकडाउन हटने के बाद करीब साढ़े 14 हजार मजदूर अपनी साइकिल ले गए, लेकिन अभी भी वहां 5400 साइकिल रखी हुई हैं। दो साल तक जब इनके मलिक इन्हें लेने के लिए नहीं आए, तो प्रशासन ने इन्हें नीलामी में बेचने का फैसला किया है।
सहारनपुर के डीएम अखिलेश सिंह का कहना है कि राधा स्वमी सत्संग भवन के कर्मचारियों ने साइकिल छोड़ने वाले सभी मजदूरों का फोन नंबर लिया था। जो साइकिल लेने नहीं पहुंचे, उनको फोन किया गया। मजदूरों का कहना है कि दूर होने के कारण वो साइकिल नहीं ले जा सकते हैं। इस कारण सभी साइकिलों को लावारिस घोषित कर नीलाम किया गया है।
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