रीजीजू ने तवांग के पास चीन के सैनिकों के साथ बातचीत की |

रीजीजू ने तवांग के पास चीन के सैनिकों के साथ बातचीत की

रीजीजू ने तवांग के पास चीन के सैनिकों के साथ बातचीत की

:   Modified Date:  November 1, 2024 / 08:08 PM IST, Published Date : November 1, 2024/8:08 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

तवांग, एक नवंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने दिवाली पर चीन-भारत सीमा के पास यहां भारतीय सेना की एक चौकी का दौरा किया और चीन की जनवादी मुक्ति सेना (पीएलए) के जवानों से बातचीत की।

रीजीजू ने यह भी बताया कि उन्होंने बृहस्पतिवार को अरुणाचल प्रदेश के बुमला में सेना के जवानों के साथ दिवाली मनाई।

केंद्रीय संस्कृति और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री को ‘एक्स’ पर जारी एक वीडियो में दुभाषिए के जरिए पीएलए के तीन जवानों से बातचीत करते हुए देखा जा सकता है। वह उनसे पूछते सुने जा सकते हैं कि समुद्र स्तर से 15,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित ऐसे क्षेत्र में तैनाती के दौरान वह किस तरह चीजों का प्रबंधन कर रहे हैं।

पीएलए के जवानों ने जवाब में कहा कि उन्हें ऐसे इलाकों में काम करने में कोई समस्या नहीं है और वे आराम से काम कर पा रहे हैं।

रीजीजू ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बनाए गए ढांचों और अन्य विकास कार्यों के लिए सरकार की प्रशंसा की।

उन्होंने कहा, ‘‘चीनी जवानों से बातचीत करने और अवसंरचना को देखने के बाद सभी को अब भारत के सीमा विकास पर गर्व होगा।’’

अरुणाचल प्रदेश के रहने वाले रीजीजू ने भारतीय सेना के जवानों के साथ भी समय बिताया और उनके साथ दिवाली मनाई।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2014 से हर दिवाली जवानों के साथ मनाते आ रहे हैं और वह (रीजीजू) भी तब से ऐसा ही कर रहे हैं।

रीजीजू ने कहा, ‘‘चूंकि आप दिवाली के मौके पर घर से दूर हैं, हमने भी घर से दूर रहने और आपके साथ समय बिताने का फैसला किया है।’’

उन्होंने केक भी काटा जिसे जवानों के बीच बांटा गया। इनमें अधिकतर जवान हिमाचल प्रदेश और पंजाब के थे।

रीजीजू की पीएलए के जवानों के साथ बातचीत से करीब दस दिन पहले ही विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा था कि 2020 में भारत और चीन के बीच पैदा हुए गतिरोध के समाधान के लिए दोनों देशों के बीच एक समझौते को अंतिम रूप दिया गया है।

पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास से सैनिकों की पूरी तरह वापसी और गश्त शुरू करने के लिए बनी सहमति को चार साल से अधिक समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।

भाषा वैभव धीरज

धीरज

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)