कोलकाता, 18 जनवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में चिकित्सक के साथ बलात्कार एवं हत्या मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय को शनिवार को दोषी करार दिये जाने से पहले फैसले की घड़ी जैसे-जैसे करीब आ रही थी, आशा और आशंका के बीच सियालदह न्यायालय की ओर पूरे देश की निगाहें टिक गई थी एवं अदालत परिसर और इर्द-गिर्द भारी भीड़ इकट्ठा हो गयी थी।
अदालत कक्ष 210 में न्यायाधीश अनिर्बान दास ने शनिवार अपराह्न करीब ढाई बजे फैसला सुनाया। सजा सुनाये जाने से पहले वकीलों, कार्यकर्ताओं, चिकित्सकों और नागरिकों की भारी भीड़ न्यायालय परिसर में जुट गयी थी।
यह मामला नौ अगस्त को 28-वर्षीय स्नातोकोत्तर चिकित्सा प्रशिक्षु की बलात्कार एवं उसकी हत्या से जुड़ा है। उस दिन अस्पताल के संगोष्ठी कक्ष में उसका शव मिला था।
कोलकाता पुलिस से संबद्ध स्वयंसेवक संजय रॉय को इस अपराध के सिलसिले में अगले ही दिन गिरफ्तार कर लिया गया था।
जांचकर्ताओं का आरोप है कि उसने अकेले ही इस कुकृत्य को अंजाम दिया, जबकि चिकित्सक के परिवार एवं जूनियर डॉक्टर के संगठनों को व्यापक साजिश का संदेह है।
इस अपराध के बाद देशभर में जनाक्रोश भड़क गया था और कार्यस्थल पर डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर प्रदर्शन हुए थे।
शनिवार की सुबह तक, आमतौर पर अस्त-व्यस्त रहने वाले अदालत परिसर में शांतिपूर्ण परंतु तनाव का माहौल नजर आया।
इस मामले पर अदालत परिसर में हर ओर चर्चा की जा रही थी और उनके शब्दों में आशा और संदेह का मिश्रण था।
एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, ‘‘यह सिर्फ एक मामला नहीं है; यह हमारे देश में न्याय के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है।’’
एक स्थानीय व्यक्ति ने पूछा, ‘‘क्या उसे अधिकतम सजा मिलेगी?’’
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रॉय के लिए कठोरतम सजा की मांग की है।
हालांकि चिकित्सक के माता-पिता ने कहा, ‘‘अकेले एक व्यक्ति ऐसा नहीं कर सकता। हम पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए व्यापक जांच की मांग करते हैं।’’
भाषा राजकुमार सुरेश
सुरेश
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)