हैदराबाद, नौ सितंबर (भाषा) तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने सोमवार को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेतृत्व पर परोक्ष रूप से कटाक्ष किया और कहा कि कुछ लोगों के पास हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति है, हालांकि उनका दावा है कि उन्होंने राज्य के लिए आंदोलन के दौरान बलिदान दिया है।
हैदराबाद में भारतीय हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएचटी) के उद्घाटन के अवसर पर उन्होंने पूर्व मंत्री कोंडा लक्ष्मण बापूजी के बलिदान की प्रशंसा की, जिन्होंने तेलंगाना राज्य आंदोलन के समर्थन में अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था।
बापूजी बुनकर समुदाय से थे।
रेड्डी ने कहा कि बापूजी ने 1969 में विधायक और मंत्री पद छोड़ दिया था और तेलंगाना राज्य का दर्जा मिलने तक कोई पद स्वीकार नहीं करने की कसम खाई थी।
तेलंगाना आंदोलन के दौरान बीआरएस नेताओं द्वारा अपने पदों (विधायक और अन्य के रूप में) को छोड़ने का अप्रत्यक्ष रूप से जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग कहते हैं कि पदों से इस्तीफा देना, फिर चुनाव थोपना, चयन करना और धन संग्रह करना बलिदान है। तेलंगाना के लोगों ने 2001 से 2014 तक कई बार आपका चुनाव, चयन, धन संग्रह देखा है।’
उन्होंने कहा, ‘जिन लोगों के पास (अतीत में) रबड़ की चप्पलें भी नहीं थीं, उन्हें अब टीवी, अखबार, फार्महाउस, बंगले, जुबली हिल्स में महल और गजवेल में सैकड़ों एकड़ के फार्महाउस मिल गए हैं। अगर आपने त्याग किया है, तो कोंडा लक्ष्मण बापूजी के विपरीत, आपको हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति कैसे मिली?’
तेलंगाना के समाज को आपके (बीआरएस) बलिदान और बापूजी के बलिदान के बीच का अंतर पता होना चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि लोग देख रहे हैं कि उपचुनावों के लिए मजबूर करके और धन संग्रह करके किसने समृद्धि हासिल की है, इसलिए बलिदान शब्द आपके लिए उपयुक्त नहीं है।
रेड्डी ने कहा कि बापूजी ने बीआरएस अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव को पार्टी कार्यालय के लिए जगह दी थी जब उन्होंने 2001 में टीआरएस की शुरूआत की थी।
उन्होंने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के बाद तेलंगाना में आईआईएचटी की स्थापना की मांग की थी और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बिना किसी राजनीतिक विचार के राज्य को संस्थान की स्थापना की मंजूरी दे दी थी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की 63 लाख सदस्यों को दो-दो साड़ियां देने का फैसला किया है। इससे राज्य के बुनकरों को 1.30 करोड़ साड़ियां बनाने का काम मिल सकेगा।
बुनकरों के कुछ प्रतिनिधियों द्वारा ऋण माफी के अनुरोध का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कुल राशि 30 करोड़ रुपये होगी तो सरकार उनके अनुरोध पर विचार करेगी।
भाषा योगेश नरेश
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