चंडीगढ़, एक अप्रैल (भाषा) साइबर जालसाजों ने भारतीय सेना के 82 वर्षीय एक सेवानिवृत्त अधिकारी और उनकी पत्नी से 3.4 करोड़ रुपये की ठगी की है। यह जानकारी अधिकारियों ने मंगलवार को दी।
अधिकारियों ने बताया कि जालसाजों ने खुद को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का कर्मचारी बताकर सेवानिवृत्त अधिकारी और उनकी पत्नी पर धन शोधन का आरोप लगाया। ठगों ने ‘‘डिजिटल अरेस्ट’’ धोखाधड़ी के तहत दावा किया कि वे 5,038 करोड़ रुपये के ‘घोटाले’ की जांच कर रहे थे, जिसके परिणामस्वरूप एक पीड़ित ने आत्महत्या कर ली और एक ‘व्हिसलब्लोअर’ (भंडाफोड़ करने वाला) की हत्या कर दी गई।
अधिकारियों ने कहा कि दंपति को अपने घर तक ही सीमित रहने और ‘‘घोटाले’’ के बारे में किसी से संपर्क नहीं करने के लिए भी मजबूर किया गया।
कर्नल दलीप सिंह (सेवानिवृत्त) और उनकी 74 वर्षीय पत्नी रणविंदर कौर बाजवा पहले ही अपने दोनों बेटों को खो चुके हैं। दम्पति ने अधिकारियों से उनसे ठगी गई धनराशि वापस दिलाने का अनुरोध किया क्योंकि वे अपनी आजीविका के लिए इसी पर निर्भर हैं।
दम्पति ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की और कहा कि इस धोखाधड़ी में उनकी जीवन भर की जमा पूंजी खत्म हो गई है।
मीडिया को संबोधित करते हुए कर्नल दलीप सिंह (सेवानिवृत्त) ने कहा, ‘‘एक युवा के तौर पर मैंने अपना जीवन राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। अब, अपने जीवन के अंतिम वर्षों में, मैंने ठगों के हाथों अपना सब कुछ खो दिया है। यह एक क्रूर विडंबना है और अब मेरी एकमात्र उम्मीद चंडीगढ़ पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ पर टिकी है। मुझे उम्मीद है कि हमारी पुलिस धोखेबाजों को पकड़ने के लिए पर्याप्त रूप से सक्षम है।’’
उन्हें 18 मार्च को एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सऐप कॉल आयी थी। कॉल करने वाले ने उन पर मुंबई के केनरा बैंक के खाते से जुड़े धनशोधन मामले में लिप्त होने का आरोप लगाया।
जालसाजों ने आरोप लगाया कि अब बंद हो चुकी जेट एयरवेज के जेल में बंद मालिक नरेश गोयल ने कर्नल सिंह को फंसाया है और दावा किया है कि उन्होंने (सेवानिवृत्त अधिकारी ने) खाता पांच लाख रुपये में बेचा था और दो करोड़ रुपये के धनशोधन के लिए 20 लाख रुपये कमीशन के रूप में प्राप्त किए थे।
जालसाजों ने वीडियो कॉल पर सिंह को उनका एटीएम कार्ड दिखाया और दावा किया कि वे 5,038 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच कर रहे हैं।
उन्होंने 24 ‘पीड़ितों’ की तस्वीरें भी भेजीं और कहा कि उनमें से एक ने आत्महत्या कर ली थी और दावा किया कि नरेश गोयल ने एक ‘व्हिसलब्लोअर’ की उसके पूरे परिवार सहित हत्या कर दी।
जालसाजों ने पूर्व सैन्य अधिकारी और उनकी पत्नी को घर में ही रहने के लिए धमकाया, उन्हें हर समय अपना फोन चालू रखने का निर्देश दिया और किसी से भी संपर्क करने से मना किया। दम्पति की डिजिटल गिरफ्तारी 18-27 मार्च तक 10 दिनों तक जारी रही।
अधिकारियों ने बताया कि जालसाजों ने दम्पति को सहयोग नहीं करने पर जेल भेजने और उनकी सम्पत्ति जब्त करने की धमकी दी और उच्चतम न्यायालय के फर्जी पत्र व्हाट्सऐप के जरिए भेजे। जालसाजों ने दम्पति से उनकी वित्तीय संपत्तियों का पूरा खुलासा करने की मांग की।
जालसाजों ने दंपति को अलग-अलग खातों में पैसे जमा करने के लिए मजबूर किया। जालसाजों द्वारा बताए गए खातों में भेजी गई कुल राशि 3.4 करोड़ रुपये है।
इस संबंध में चंडीगढ़ पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ को शिकायत दी गई है जो मामले की जांच कर रही है।
सेवानिवृत्त अधिकारी सैन्य अधिकारी सिंह ने मीडिया से कहा, ‘‘मैं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी हस्तक्षेप करने और हमारी खोई हुई बचत को वापस दिलाने में मदद करने की अपील करता हूं, जो हमारी आजीविका के लिए जरूरी थी।’’
सिंह ने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि हमारी सारी मेहनत की कमाई वापस हासिल की जाए और अधिकारियों द्वारा हमें वापस भेजी जाए, जो हमने फिक्स्ड डिपॉजिट में डाल दी थी ताकि हम बुढ़ापे में इसका इस्तेमाल कर सकें।’’
भाषा अमित प्रशांत
प्रशांत