दिल्ली-एनसीआर में जीआरएपी के तीसरे चरण के तहत प्रतिबंध फिर से लागू |

दिल्ली-एनसीआर में जीआरएपी के तीसरे चरण के तहत प्रतिबंध फिर से लागू

दिल्ली-एनसीआर में जीआरएपी के तीसरे चरण के तहत प्रतिबंध फिर से लागू

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Modified Date: January 9, 2025 / 08:27 PM IST
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Published Date: January 9, 2025 8:27 pm IST

नयी दिल्ली, नौ जनवरी (भाषा) प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों के कारण दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के स्तर में तेज वृद्धि के बीच चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के तीसरे चरण के तहत प्रतिबंध बृहस्पतिवार को फिर से लागू कर दिए गए।

राष्ट्रीय राजधानी में जीआरएपी-3 के तहत प्रतिबंध रविवार को हटाए गए थे।

आधिकारिक आदेश के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में वायु प्रदूषण के स्तर में कमी लाने की रणनीति बनाने के लिए जिम्मेदार वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने क्षेत्र के अधिकारियों को स्थिति को और खराब होने से रोकने के लिए जीआरएपी के तीसरे चरण के तहत निर्धारित प्रदूषण रोधी उपायों को तुरंत लागू करने का निर्देश दिया है।

दिल्ली में बृहस्पतिवार को वायु प्रदूषण के स्तर में इजाफा दर्ज किया गया और धीमी हवाओं तथा कोहरे के कारण 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे 357 दर्ज किया गया, जो बुधवार को 297 था।

जीआरएपी-3 के तहत दिल्ली में गैर-आवश्यक निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है। इसके अलावा, कक्षा पांच तक के छात्रों के लिए ‘हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों)’ में कक्षाएं संचालित करना अनिवार्य होता है। छात्रों और अभिभावकों के पास जहां भी उपलब्ध हो, वहां ऑनलाइन पढ़ाई चुनने का विकल्प मौजूद होता है।

जीआरएपी-3 के तहत दिल्ली और एनसीआर के जिलों में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कार का इस्तेमाल प्रतिबंधित होता है। हालांकि, दिव्यांगजनों को इस प्रतिबंध से छूट हासिल है।

जीआरएपी के तीसरे चरण के तहत दिल्ली में बीएस-4 या पुराने मानकों वाले डीजल-संचालित गैर-जरूरी मध्यम मालवाहक वाहनों पर भी प्रतिबंध लागू होता है।

सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होने पर दिल्ली-एनसीआर में जीआरएपी के तहत प्रतिबंध लागू किए जाते हैं। यह वायु गुणवत्ता को चार चरणों में वर्गीकृत करता है, जिसमें पहला चरण (एक्यूआई 201 से 300 के बीच खराब श्रेणी में), दूसरा चरण (एक्यूआई 301 से 400 के बीच बहुत खराब श्रेणी में), तीसरा चरण (एक्यूआई 401 से 450 के बीच गंभीर श्रेणी में) और चौथा चरण (एक्यूआई 450 से ज्यादा यानी अत्यधिक गंभीर में) शामिल है।

भाषा पारुल नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

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